second tiger reserve of bihar in kaimur

बिहार में वाल्मीकिनगर के बाद अब कैमूर में बनेगा दूसरा टाइगर रिजर्व, केंद्र ने दी मंजूरी

बिहार को जल्द ही एक और टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) की सौगात मिलने वाली है। केंद्र सरकार ने यहां वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) के बाद एक और टाइगर रिजर्व बनाने को लेकर मंजूरी दे दी है। दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय बाघ सरंक्षण प्राधिकरण की उन्नीसवीं बैठक में बिहार के कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी (Kaimur Tiger Reserve) को टाइगर रिजर्व बनाने की हरी झंडी दी गई है। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) ने की। दरअसल लंबे समय से कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी (Kaimur Wild Life) को टाइगर रिजर्व बनाने की मांग उठ रही थी। लेकिन इसमे गति तब आई जब पिछले दिनों यहां बाघ दिखा था। तभी से वन विभाग इसे टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी में लग गया था, और केंद्र सरकार को यह मांग भेज दी गई थी।

वन विभाग ने टाइगर रिजर्व के लिए तैयारी शुरू कर दी है और इसके लिए कोर एरिया, बफर एरिया व कॉरिडोर को चिन्हित किया जा रहा है। जाहिर है केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद शीघ्र ही वाल्मीकिनगर के बाद कैमूर जिले में बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व बनेगा। पर्यटन के दृष्टि से इससे पूरे शाहाबाद क्षेत्र को फायदा होगा।

Valmiki Tiger Reserve Bihar
वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व बिहार

कैमरा ट्रैपिंग में कैमूर वन क्षेत्र में दिखा था टाइगर

दरअसल 1970 के दशक में इस वन्य क्षेत्र में बड़ी संख्या में बाघ पाए जाते थे। लेकिन समय के साथ बाघों की संख्या में कमी आती चली गई। मगर लंबे समय के बाद मार्च 2020 में कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी में वन विभाग द्वारा लगाये गए कैमरा ट्रैप में विचरण करते बाघ की तस्वीर कैद हुई थी।

kaimur wildlife sanctuary
कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी

इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा गठित टीम के अध्यक्ष और बीजेपी के सांसद राजीव प्रताप रुडी व बीजपी के ही राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने संसद में कैमूर वन्य क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाने की मांग की थी जिसके बाद अब इसे मंजूरी मिल पाई है।

बता दें कि कैमूर वन्य क्षेत्र काफी बड़ा है, और इसकी सीमा झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के जंगलों से मिलता है। देश में इस समय 51 टाइगर रिजर्व हैं। केंद्र सरकार द्वारा और भी क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

टाइगर रिजर्व बनने से इलाके का होगा विकास

इस पर बिहार के वन पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा कि टाइगर रिजर्व घोषित होने से इस क्षेत्र को इको टूरिज्म के तौर पर विकसित किया जा सकेगा जिससे न सिर्फ रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी

बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी यह इलाका बेहद समृद्ध हो जाएगा। वर्तमान में यहां के वन क्षेत्रों में भालू, तेंदुआ, हिरण सहित कई जानवरों की मौजूदगी है। इसके अलावा यहां विभिन्न प्रकार के प्रवासी पक्षी भी आते रहते हैं। लेकिन इसका सबसे बड़ा आकर्षण टाइगर रिजर्व ही रहेगा।

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