बिहार के जेल में बंद सोनू ने पास की SSC CGL परीक्षा, विपरीत हालातों में भी नहीं मानी हार
बिहार के नवादा के मंडल कारा में लगभग 4 महीने की सजा काट कर लौटे सोनू कुमार जेल में रहते हुए एसएससी सीजीएल की परीक्षा (SSC CGL Exam) पास कर अब मेंस की परीक्षा में शामिल होंगे। मंडल कारा में बदले हुए माहौल का कैदियों ने जिक्र किया। वहीँ इससे पहले नवादा जेल में ही बंद कैदी सूरज कुमार ने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक IIT JAM में सफलता पायी है।
कैदी सूरज कुमार ने ऑल इंडिया में 54वां रैंक प्राप्त किया है। जेल से रिहा होकर लौटे वार्ड नंबर 19 के नवीन सिंह, जितेंद्र यादव, अखिलेश पंडित, वार्ड 6 के रोहित कुमार, सोनू शर्मा, नवलेश यादव आदि ने कहा कि नवादा जेल में बदला हुआ माहौल दिख रहा है। इसका नतीजा है कि जेल के कैदी भी दूसरे एक्टिविटी से जुड़ पा रहे हैं।

सोनू पहले भी लहरा चुके परचम
कैदियों की मानें तो सामूहिक रूप से एक साथ खाना के लिए रसोई के अलावे जेल की अन्य सुविधाओं में सुधार दिखता है। शनिवार को जेल से बाहर निकले कैदी ने कहा कि जेल में बदले माहौल का ही असर है कि कैदी यहां पर रहते हुए पढ़ाई करके कंपटीशन परीक्षा में सफल हुए हैं।

पकरीबरावां थाना क्षेत्र के गंगटी निवासी नंदकिशोर चौहान के बेटे सोनू कुमार यूं तो पहले भी कई प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है। लेकिन सोनू ने जेल में रहते हुए एसएससी सीजीएल की परीक्षा दी जिसमें उसे सफलता मिली है।
जेल में तैयारी की अनुमति मिली
जेल से बाहर आये कैदियों ने बताया कि योग, संगीत और अन्य प्रकार का प्रशिक्षण भी जेल के अंदर दिया जा रहा है। प्रोत्साहन और मोटिवेशन का नतीजा है कि कई कैदी जेल में रहते हुए अलग-अलग परीक्षाओं में भी शामिल हो रहे हैं।

हम लोग को जानकारी मिली है कि जेल में रहते हुए एक कैदी ने प्रतियोगिता परीक्षा पास की है। इस संबंध में जानकारी लेने के लिए जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडे से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि परीक्षा के लिए सोनू कुमार को अनुमति दी गई थी।
व्यवस्था को कैदियों ने सराहा
जेल की गेट पर बाहर निकले कैदियों की खुशी का ठिकाना नहीं दिख रहा था। जेल में बंद रहने के दौरान अपने अनुभवों को शेयर करते हुए कैदियों ने कहा कि जेल जाने के पहले काफी डर लग रहा था।
लेकिन जेल में भी एक अच्छी व्यवस्था देखने को मिली। अनुशासन के साथ साफ-सफाई और अन्य सुविधाओं को बेहतर बनाया गया है। जेल से छूटने वाले नवीन सिंह बताते हैं कि पहले की तरह अलग-अलग रसोई और अन्य व्यवस्था नहीं है। जेल में केवल एक रसोई संचालित हो रही है।