बिहार लौट रहे हैं सुपर कॉप शिपदीप लांडे, बोले- मैं अब ‘हमार बिहार’ में सेवा देने आ रहा हूं
बिहार कैडर के चर्चित पुलिस अधिकारी शिवदीप लांडे दिसबंबर के पहले हफ्ते में बिहार वापस आ रहे हैं। पांच साल बाद वो एक बार फिर बिहार में अपनी ड्यूटी ज्वॉइन करेंगे। शिवदीप लांडे 5 साल के डेपुटेशन पर महाराष्ट्र गये थे। डेपुटेशन पूरा होने पर महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें रिलीव कर दिया है। एटीएस मुंबई में डीआईजी पद पर काम कर रहे शिवदीप लांडे को महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को बिहार में सेवा देने के लिए रिलीव कर कर दिया है। फिलहाल शिवदीप लांडे एक हफ्ते की छुट्टी पर चले गये हैं और वह दिसंबर के पहले सप्ताह में बिहार में योगदान दे देंगे। बता दें कि बिहार आने के संबंध में आईपीएस अफसरों ने खुद सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा, ” आज महाराष्ट्र में मेरे कार्यकाल के पांच साल पूरे हुए और बतौर डीआईजी (एंटी टेररिज्म स्क्वॉड, एटीएस मुंबई) के रूप में मैंने अपना कार्यभार सौंप दिया। मैं अब ‘हमार बिहार’ में सेवा देने को वापस आ रहा हूं।“
बिहार की राजधानी पटना में पोस्टिंग के दौरान शिवदीप लांडे ने छेड़खानी से परेशान लड़कियों को अपना पर्सनल नंबर दिया था। इसके बाद उन्हें रोजाना सैकड़ों फोन और मैसेज आते थे, जिनमें कई लड़कियां उन्हें शादी के लिए प्रपोज करती थीं। वहीं शिवदीप वामन लांडे का जन्म महाराष्ट्र के अकोला जिले में हुआ था। 2006 में आईपीएस में चयन के बाद उन्हें बिहार कैडर मिला। इस दौरान उन्होंने कई अहम पदों की जिम्मेदारी संभालते हुए अपराधियों को जेल के अंदर पहुंचाया था।
एसपी के पद पर दे चुके योगदान
सूत्रों की माने तो शिवदीप लांडे बिहार में डीआईजी के पद पर योगदान देंगे। उनकी पोस्टिंग को लेकर कयासों का बाजार भी गर्म है। 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने बिहार में एसटीएफ के एसपी के पद पर काम करते हुए कई इनामी और कुख्यात गैंगस्टर लोगों को गिरफ्तार किया था।
एसटीएफ के अलावा वह पटना के सिटी एसपी, रोहतास और अररिया में एसपी के पद पर योगदान दे चुके हैं। बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने सबसे पहले मुंगेर में एसपी के पद पर योगदान दिया था और उसके बाद पटना में सिटी एसपी बनाये गये थे।
इसके अलावा पटना में ट्रैफिक एसपी के पद पर काम करते हुए शिवदीप लांडे ने लहरियाकट बाइकर्स के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया था और बाइक पर हेलमेट लगाकर नहीं चलने वालों के खिलाफ उनके एक्शन से हड़कंप मच गया था।