जब नवनियुक्त दारोगाओं के बिच घिरे सुपरकॉप IPS शिवदीप लांडे, दिए सफल पुलिसिंग के महत्वपूर्ण टिप्स
आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे (IPS Shivdeep Lande) की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। लड़कियों-महिलाओं से लेकर आम लोगों में भी वो काफी पोपुलर हैं। कोसी क्षेत्र के डीआईजी और सुपरकॉप नाम से मशहूर शिवदीप लांडे को बिहार पुलिस (Bihar Police) के नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों ने अपना रोल मॉडल (Role Model) बताया है। बिहार पुलिस अवर सेवा चयन आयोग द्वारा कोसी प्रक्षेत्र के लिए कुल 73 दारोगा का चयन किया गया है। सोमवार को इन सभी को डीआईजी शिवदीप लांडे ने नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) सौंपा। नियुक्ति पत्र सौंपने के बाद नवनियुक्त दारोगाओं ने अपने चहते अधिकारी के साथ जमकर सेल्फी (Selfie) ली।
इस दौरान डीआईजी शिवदीप लांडे ने सभी नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों को पुलिसिंग के महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग में दारोगा का पद सबसे महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचने वाला अधिकारी दारोगा ही होता है। इमरजेंसी सर्विस के दौरान एक दारोगा की क्या भूमिका होनी चाहिए, इसको लेकर भी डीआईजी शिवदीप लांडे ने कई अहम बातें बताई। उन्होंने कहा कि एक दारोगा का कॉन्स्टेबल के साथ व्यवहार सफल पुलिसिंग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

IPS शिवदीप लांडे ने दिए महत्वपूर्ण टिप्स
लांडे ने कहा कि दरोगा और कॉन्स्टेबल के बीच अंडरस्टैंडिंग हो तो कई महत्वपूर्ण अपराधिक वारदातों को सुलझाने में मदद मिलती है। फिटनेस को लेकर भी डीआईजी शिवदीप लांडे ने नवनीत दारोगा से कहा कि फिटनेस केवल शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक भी होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि पुलिस सेवा में आने के बाद भी आज वो खुद को शारीरिक तौर पर फिट रखने के लिए काफी मेहनत करते हैं। इसके लिए प्रतिदिन वो छह किलोमीटर से ज्यादा की दौड़ लगाते हैं और घंटे भर एक्सरसाइज करते हैं।
ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की भावना सदा बनी रहे
पुलिस सेवा में ईमानदारी को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए शिवदीप लांडे ने नवनियुक्त पुलिस अवर निरीक्षकों से कहा कि जब भी ईमानदारी के रास्ते से भटकाव आने लगे या मन में गलत बातें आए तो एक बार अपने नियुक्ति पत्र पर निगाहें अवश्य डालें।
उन्होंने कहा कि सभी नवनियुक्त दारोगा को याद रखना चाहिए कि समाज में कई ऐसे रोल मॉडल हैं जिन्होंने इमानदारी का रास्ता अख्तियार किया हुआ है। जब कर्तव्य के निर्वहन के दौरान भटकाव आने लगे तब अपने रोल मॉडल को याद करना चाहिए ताकि सेवाकाल में ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की भावना सदा बनी रहे।