the mother-in-law washed the vermilion on the daughter-in-laws forehead

Araria: आखिर एक मां ऐसा कर सकती है, बेटे के होते हुए सास ने धो दिया बहू के माथे का सिंदूर

बिहार के अररिया में एक मां अपने अपनी पुत्रवधु की मांग का सिंदूर धो दिया। अररिया के नरपतगंज प्रखंड के फुलकाहा थाना क्षेत्र में अंतरजातीय विवाह के कारण एक अबला को ना तो पंचायत और ना ही समाज की सुरक्षा में जुटे पुलिस ने इंसाफ दे पा रही है। समाज को कलंकित कर देने वाला वाकाया यह है कि अपने पुत्र के जीवित अवस्था में ही सास ने अपने कथित बहू के मांग के सिंदूर को धो दिया है। अब एक बेटी के पिता ने अररिया पुलिस कप्तान ह्रदय कांत से अपने लाडली बेटी के इंसाफ की गुहार लगाई है। अररिया एसपी के संज्ञान में मामला आते ही उन्होंने जांच कर दोषियों पर कार्रवाई तथा एक बेटी के पिता को इंसाफ का भरोसा दिला दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार फुलकाहा थाना क्षेत्र के नवाबगंज पंचायत के खोपड़िया गांव स्थित वार्ड संख्या 11 निवासी निरंजन परसेला के पुत्र पवन कुमार परसेला जो कि फारबिसगंज प्रखंड के मटियारी पंचायत स्थित शाहबाजपुर गांव में ज्यू कंपनी के ईट भट्ठा में काम करता था।

उसमें ईट भट्ठा के निकट ही निवास कर रहे दिलीप मंडल की पुत्री 19 वर्षीय खुशबू कुमारी से चार साल पूर्व मोहब्बत कर बैठा। चार साल से चले इस मोहब्बत को चार माह पूर्व फारबिसगंज के किसी मंदिर में शादी के रूप में अंजाम दी गई। दोनों पति-पत्नी ग्यारह दिन तक फुलकाहा के खोपड़िया गांव में रहे। इस बीच खुशबू कुमारी गर्भवती हो गई। छह माह होते-होते उसके बाद से उस पर ससुराल वालों का यातनाओं का दौर शुरू हो गया ससुराल में खुशबू को जानवरों की तरह रखा जाने लगा पति भी विमुख हो गए।

पति के घर से फरार होने की बात खुशबू के ससुराल वाले बताते हैं। किंतु गांव में चर्चा है कि उसका पति यहीं कहीं अगल बगल में है, और इस अत्याचार पर उसकी भी सहमति है। खुशबू को दरवाजे के भीतर बंद करके रखा जा रहा है। इस मामले को लेकर जब खुशबू के पिता दिलीप मंडल अपने बेटी के ससुराल पहुंचे तो उन्हें भी खरी-खोटी सुनाई गई और कहा गया कि तुम दूसरे जात के हो इसलिए अपनी बेटी को ले जाएं। यहां से हम अपने बेटे का दहेज लेकर दूसरा विवाह करेंगे।

दिलीप मंडल ने अपनी बेटी पर हुए अत्याचार की लिखित आवेदन फुलकाहा थानाध्यक्ष नगीना कुमार को दिया किंतु उन्होंने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया की यह मामला फारबिसगंज का है, इसलिए फारबिसगंज थाने में मामला दर्ज कराइए। सवाल यह है कि यदि किसी के साथ कोई हादसा अपने घर के बाहर जिले या राज्य में होता है, तो क्या वहां की पुलिस उसे मदद नहीं करेगी। क्या उसको अपना फरियाद लगाने अपना गृह क्षेत्र आना होगा।

इस तरह का मामला कई बार सामने आया है। जबकि बिहार से बाहर जाकर किसी मामले में फंसे बिहारी को दिल्ली पंजाब या अन्य महानगरों की पुलिस ने बढ़-चढ़कर मदद की है किंतु खुशबू को फुलकाहा थाने की मदद नहीं मिली। इस मामले में फुलकाहा पुलिस संदेह के घेरे में है। अररिया पुलिस के कप्तान पर आम लोगों की निगाहें इस मामले पर टीक गई है। क्योंकि जिस पुलिस पर आम आवाम अपने सुरक्षा का भरोसा करते हैं।

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