अशोक के ऐतिहासिक शिलालेखों के लिए प्रसिद्द हैं बिहार का यह कस्बा, खूबसूरती करती है आकर्षित
बिहार राज्य के पश्चिमी चम्पारण जिले में स्थित लौरिया नंदनगढ़ कुछ खास है वैसे लोगो के लिए जो नेचर से प्यार करते हैं। देश विदेश से पर्यटक लौरिया नंदनगढ़ में घूमने आते हैं। जानिए क्यों है खास?
ऐतिहासिक स्थल होने के साथ साथ इस जगह की खूबसूरती भी लोगों को अपनी और आकर्षित करता है। बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित लौरिया नंदनगढ़ पर्यटन का शानदार केंद्र है।
![ashok stambh lauriya bihar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/10/ashok-stambh-lauriya-bihar-1.jpg)
नेचुरल ब्यूटी को देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध
यहाँ के क्षेत्र के खूबसूरत मौसम और नेचुरल ब्यूटी को देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध रह जाते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि लौरिया नंदनगढ़ का संबंध अशोक के शिलालेख और स्तूपों से रहा है।
अशोक ने ईसा से करीब 400 पहले यहां पर स्तम्भ लेख और स्तूप का निर्माण भी करवाया था। बौद्ध धर्म के पर्यटन केंद्र के रूप में इस जगह का खास महत्व है। हालांकि लौरिया नंदनगढ़ के बारे में काम ही लोग जानते हैं लेकिन इस जगह देश विदेश से पर्यटक घूमने आते हैं।
बिहार में इस जगह को मिल रही है ख्याति
जैसे जैसे समय बित रहा है इस जगह को बिहार में ख्याति मिलने लगी है। लौरिया नंदनगढ़ बेतिया जिला मुख्यालय से तकरीबन 30 किलोमीटर की दूरी पर पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित है।
इतिहास की बात करें तोह सम्राट अशोक ने ईसा से करीब 400 साल पहले अपने राज का प्रचार प्रसार करने के लिए स्तम्भ लेख लिखवाया था। इसके अलावे स्तम्भ से सटे क्षेत्र में अशोक द्वारा बनवाए गए 15 लघु स्तूप हैं।
ऐतिहासिक धरोहर के रूप में संरक्षित
बौद्ध धर्म के मानाने वाले इस स्तम्भ की पूजा भी करते हैं। आपस में जुड़े हुए 15 स्तूपों का आकर काफी बड़ा भी है। स्तूपों और स्तम्भ की खुदाई आर्कियोलॉजिकल सर्वे के डायरेक्टर जनरल अलेक्सेंडर कनिंघम द्वारा की गई थी।आगे चलकर इस ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण किया गया।
![protected as a historical heritage](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/10/protected-as-a-historical-heritage.jpg)
लौरिया नंदनगढ़ कस्बे में प्राकृतिक सुंदरता भी देखने को मिलती है। तराई क्षेत्र में होने के कारण मौसम भी आरामदायक बना रहता है। स्तूपों और स्तम्भ के आसपास छोटे छोटे टीले और हरी भरी सुंदरता देश विदेश से आने वाले सैलानियों को आकर्षित करती है।
कनेक्टिविटी की कोई समस्या नहीं
लौरिया नंदनगढ़ वैसे तो बढ़ा क़स्बा नहीं है लेकिन कनेक्टिविटी की यहाँ कोई समस्या नहीं है। यहाँ तक पहुंचने के लिए पश्चिम चंपारण या बेतिया से टैक्सी में ट्रैवेल किया जा सकता है।
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