बिहार में फोरलेन पर चलना हुआ महंगा, 1 अप्रैल से बढ़ेगा टॉल टैक्स, जाने पूरा डिटेल
बिहार में फोरलेन पर चलना महंगा होने जा रहा है। सरकार ने एक बार फिर से अच्छी सड़क के बदले अधिक टैक्स लेने का फैसला किया है। सरकार ने टोल टैक्स में करीब 10 प्रतिशत तक की बढोतरी कर दी है।
हर 60 किमी पर सरकार टॉल टैक्स वूसलने का काम कर रही है, ऐसे में पटना से दरभंगा जाने में ही करीब 17 रुपये अधिक कर देने होंगे।

11 फीसदी तक की बढोतरी
टोल टैक्स प्लाजा से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि बिहार में अब एनएच 57 पर टोल टैक्स बढ़ जायेगा। मुजफ्फरपुर और पूर्णिया को जोड़ने वाले इस्ट वेस्ट कोरिडोर पर 1 अप्रैल 2022 से गाड़ियों का दौड़ना महंगा हो जाएगा।
होलसेल प्राइस इंडेक्स में 12 फ़ीसदी के इजाफे के बाद एनएचएआई ने 1 अप्रैल से देश के सभी टोल प्लाजा पर 8 से 11 फीसदी तक के टोल टैक्स में इजाफा करने का फैसला किया है।

एनएच 57 पर बढ़ा 10 फीसदी टोल टैक्स
एनएच 57 पर 10 फीसदी टोल टैक्स बढ़ाया जाएगा। मुजफ्फरपुर के मैठी स्थित टोल प्लाजा सहित पूर्णिया तक पहुंचने में चारों टोल प्लाजा पर 8.33 से लेकर 10.32 फीसदी तक टोल टोक्स में वृद्धि हुई है।

एनएचएआई दरभंगा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. सूरज प्रकाश ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है। मैठी टोल प्लाजा पर फिलहाल, सिंगल जर्नी के लिए चार चक्के के हल्के वाहन के लिए 120 रुपए टोल टैक्स लिए जा रहे हैं।
हल्के वाहन से लिए जायेंगे 4405 रुपए
24 घंटे के अंदर मैठी टोल प्लाजा पर डबल जर्नी के लिए 215 रुपए वसूले जाएंगे। वहीं जिले में निबंधित व्यवसायिक वाहन के सिंगल जर्नी के लिए 50 फीसदी अर्थात 65 रुपए लिए जाएंगे। जबकि, एक माह में 50 बार सिंगल जर्केनी लिए हल्के वाहन से 4405 रुपए लिए जाएंगे।
पिछले साल भी टोल टैक्स में हुआ था इजाफा

इसके साथ ही सभी टोल प्लाजा के 20 किमी परिधि में निबंधित गैर व्यावसायिक वाहनों से प्रतिमाह 315 रुपए लिए जाएंगे। दूसरी ओर मुजफ्फरपुर बरौनी एनएच के महंथ मनियारी टोल प्लाजा पर भी टोल वसूली के लिए अधिसूचना जारी कर दी गयी है। पिछले साल भी अप्रैल महीने में एनएचएआई ने टोल टैक्स में इजाफा किया था।
अच्छी सड़क के लिए देना होगा अधिक टैक्स

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहले ही कह चुके हैं कि अगर आप अच्छी सड़कों पर चलना चाहते हैं तो आपको टोल देना होगा। गडकरी ने पिछले दिनों संसद में कहा था कि अच्छी सड़कों पर गाड़ियां अच्छी माइलेज देती है और इससे पेट्रोल की खपत से बचत होती है और यही बचत का थोड़ा हिस्सा सरकार टोल के तौर पर लेना चाहती है।