अच्छी खबर: अररिया-गलगलिया रेल लाइन पर दिसंबर 2023 तक दौड़ेगी ट्रेन, डेडलाइन हुई जारी
वर्ष 2023 के दिसंबर में अररिया-गलगलिया रेलवे लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। रेल प्रशासन ने इसके लिए डेडलाइन जारी कर दिया है। अगले वर्ष फरवरी से पटरी बिछाने का कार्य प्रारंभ होगा। तीन प्रखंड होकर गुजरने वाली रेल परियोजना को तय समय सीमा पर पूर्ण करने की दिशा में रेल प्रशासन युद्धस्तर पर कार्य को अंतिम रूप देने की प्रयास कर रही है।
रेलवे सूत्रों की माने तो ठाकुरगंज से पौवाखाली तक सारा निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने शनिवार को अररिया-गलगलिया रेल परियोजना की समीक्षा किया। भूमि अधिग्रहण मामलों का त्वरित निष्पादन करने का निर्देश संबंधित अंचल अधिकारी को दिया गया। साथ ही डीएम ने रेलवे के अधिकारी को तय समय सीमा के अंदर कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया।
खर्च किये जायेंगे 2132 करोड़ रुपये
जानकारी के अनुसार अररिया-गलगलिया रेल परियोजना की स्वीकृति रेल मंत्रालय द्वारा वित्तीय वर्ष 2004-05 में दी गयी थी। लेकिन वर्ष 2019 में इस योजना को धरातल पर लाने की कवायद शुरू हुई। अररिया-गलगलिया रेलवे लाइन की कुल लंबाई 110 किलोमीटर होगी। इस पर लगभग 2132 करोड़ राशि खर्च किये जाएंगे।
इस परियोजना के लिए कुल 1632 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। अररिया गलगलिया के बीच कुल 15 रेलवे स्टेशन की स्वीकृति दी गयी है। इसके साथ साथ 274 बड़े व छोटे पुल का भी निर्माण होगा।

रेलवे के अधिकारी सुमन कुमार ने कहा कि तय समय सीमा के अंदर निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। तीन मेजर पुल निर्माण के साथ साथ ठाकुरगंज पौवाखाली के बीच रेल ट्रैक बिछाने की योजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है।
दिसंबर 2019 से कार्य जारी, फरवरी से बिछेंगे रेल ट्रैक
अररिया-गलगलिया रेलवे लाइन की कुल लंबाई 110 किलोमीटर लगभग 2132 करोड़ राशि किए जाएंगे खर्च परियोजना के लिए कुल 1632 एकड़ भूमि का किया जाना है अधिग्रहण दाेनाें के बीच कुल 15 रेलवे स्टेशन की स्वीकृति दी गई, 274 बड़े व छोटे पुल का भी होगा
अररिया-गलगलिया के बीच बनेंगे 15 रेलवे स्टेशन

अररिया गलगलिया के बीच कुल 15 स्टेशन बनाए जाएंगे। अररिया, अररिया कोर्ट, रहमतपुर, बांसबाड़ी, कुर्साकांटा, कालियागंज, टेढ़ागाछ, बीबीगंज, तुलसिया, पौवाखाली, कादोगांव, भोगडावर एवं ठाकुरगंज स्टेशन को एक दूसरे से लिंक्ड किया जाएगा।
युद्धस्तर पर जारी है कार्य
अभी शेष भारत से नार्थ ईस्ट जाने के लिए एकमात्र रेलमार्ग किशनगंज होकर ही है। अररिया गलगलिया रेल लाइन पर परिचालन शुरू होने के बाद शेष भारत से पूर्वोत्तर राज्य के लिए एक बैकल्पिक रेलमार्ग लोगों को मिल जाएगा।
अररिया भाया फारबिसगंज इस रेल परियोजना को भाया सुपौल होते हुए देश के विभिन्न शहरों को रेलमार्ग से जोड़ने की योजना है। सहरसा फारबिसगंज बीजी लाइन बनकर तैयार है। अब दिसंबर 2023 तक अररिया गलगलिया रेलवे लाइन पर परिचालन शुरू करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है।
सामरिक दृष्टिकोण से भी रेलमार्ग महत्वपूर्ण
नेपाल, चीन एवं बांग्लादेश से सटे रहने के कारण सीमाई क्षेत्र का यह इलाका काफी संवेदनशील है। अभी पूर्वोत्तर सीमांत रेल ज़ोन में एकमात्र रेलवे लाइन है। जिस होकर आर्मी सहित आमलोग यात्रा करते हैं। अगर इसे अवरूद्ध कर दिया जाता है तो पूर्वोत्तर के सात राज्यों से रेल मार्ग का संपर्क भंग हो जाएगा।
इसलिए अररिया गलगलिया रेल परियोजना सामरिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह पूर्वोत्तर राज्यों के साथ साथ चीन की सीमा तक रेलमार्ग से जरूरत की सामान पहुंचाने का एक विकल्प होगा।
