बिहार राजकीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार के लिए अररिया के 2 गुरूजी का हुआ चयन, पटना में मिलेगा सम्मान
शिक्षक दिवस (Teachers Day 2022) के अवसर पर बिहार भर में चयनित 20 शिक्षकों को शिक्षा विभाग की ओर से राजधानी पटना में राजकीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इन 20 शिक्षकों में दो शिक्षक अररिया जिले के शामिल हैं।
पहला नाम है सिकटी जैसे सुदूरवर्ती प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र मे स्थापित प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय बरदाहा के शिक्षक अजय कुमार का। दूसरा नाम है- +2 बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक युगेश झा का।
अजय कुमार के स्कूल में खुशी का माहौल
अजय कुमार के चयन पर प्रभारी प्राचार्य आदिल सरवर ने बताया कि शिक्षक अजय कुमार प्लस टू में जीव विज्ञान के शिक्षक के रूप मे अगस्त 2010 में पदस्थापित हुए। लगातार 12 वर्षों से विद्यालय में अपनी लगन एवं मेहनत से छात्राओं के वर्ग संचालन का बखूबी निर्वहन करते आ रहे हैं।
कठिन परिस्थितियों में भी ये अपने कर्मक्षेत्र मे रहकर शिक्षण कार्य का संपादन किया है।आज उनका चयन राजकीय शिक्षक पुरस्कार के लिए होने से विद्यालय गौरवान्वित हुआ है। अजय कुमार से वर्ग संचालन की शैली से छात्राओं में हमेशा सीखने की ललक रही है।

वे हमेशा छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए तत्पर रहते हैं। राजकीय पुरस्कार के लिए चयनित शिक्षक अजय कुमार ने बताया कि उन्हें इस चयन पर बेहद प्रसन्नता है। उन्हें उम्मीद थी कि राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। लेकिन राजकीय स्तर पर चयन हुआ।भविष्य में राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने आकांक्षा और अपेक्षा है।
ये पुरस्कार सिकटी एवं विद्यालय परिवार के आशीर्वाद से मिला है।जिससे खुशी मिली है। सदा अपने कर्तव्य पथ पर चलने की दुआ मांगता हूं।अजय कुमार के चयन पर उन्हें प्रभारी प्राचार्य आदिल सरवर,नदीम सिद्दीकी,शिक्षक सुभाष चंद्र मिश्र, धीरेन्द्र मंडल सहित शिक्षक राजेश मिश्र एवं शिक्षक संघ की ओर से बधाई दी है।
जानिए डा. युगेश झा के बारे में
प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक डा. युगेश झा शिक्षक दिवस के मौके पर पटना में सम्मानित होंगे। उन्हें यह सम्मान शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने पर मिलेगा। डा. युगेश वर्ष 2007 से प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय अररिया में शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं।
वह हमेशा से विद्यालय के प्रति समर्पित रहें हैं। बच्चों में डा. योगेश के प्रति आकर्षण हैं। उनके पढ़ाने के अंदाज निराला रहा है। समय पर विद्यालय आते और छूट्टी होने के बाद विद्यालय से जाते हैं। विद्यालय के विकास में भी उनकी भूमिका अहम रही है।
शिक्षाविद की रूप में जाने जाते हैं युगेश
डा. युगेश बताते हैं शिक्षा के बिना जीवन में अंधकार बना रहता है। उनके पिता कमलकांत झा एक किसान थे। उन्हें अपने बच्चों को पढ़ाने की जनून थी। वह मूल रूप से सिकटी प्रखंड के रहने वाले हैं। चालीस साल पहले शहर के कालीमंदिर के समीप अपना घर बनाकर पूरे परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने पीएचएडी, डबल एमए, एलएलबी की पढ़ाई पूरी की।
वह हमेशा से लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करते रहे। वर्ष 1993 से ही शिक्षा के क्षेत्र में जुड़े हैं। बच्चों को विद्यार्थी जीवन से ही पढ़ाते हैं। उनके पढ़ाने के अंदाज से बच्चे बहुत प्रभावित रहेे हैं। उनके पढ़ाए छात्र आज बड़े बड़े ओहदे पर पर विराजमान होकर देश निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभा रहें हैं। अभी वे छात्राओं को बेहतर शिक्षा देने में लगे हैं।
बच्चों को दिलाया उच्च शिक्षा
डा. युगेश ने बताया कि उन्हें दो पुत्री और एक पुत्र है। बड़ी बेटी डा. जुही मेडिकल में पढ़ रही है। दूसरी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर दिल्ली में जाब कर रही हैं। बेटा आयुष सागर आइटी सिक्किम में पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने अपने तीनों बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने में कोइ कोर कसर नहीं छोड़ा।
जिला स्तर पर भी हो चुके सम्मानित
डा. युगेश शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रयास करने पर पहले भी सम्मानित हो चुके हैं। पिछले वर्ष जिला स्तर पर उन्हें सम्मनित किया गया था। इसबार शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय भूमिका निभाने वाले राज्य स्तर पर चयनित 20 शिक्षकों की सूची में उनका नाम शामिल है। पांच सितंबर शिक्षक के दिन श्री कृष्ण मेमोरियल हाल पटना में प्रशस्ति पत्र, मेमेंट, अंगवस्त्र एंव 15 हजार रुपये का चेक से सम्मानित किया जाएगा।
ऐसे मिला मार्गदर्शन
डा. युगेश झा बताते हैं कि बीएनएमयू के पीजी हेड लालमोहन झा के मार्गदशन पर चलकर आगे निरंतर बढ़ते रहे। वह उनके गुरु थे। शुरुआती दौर में उनके बताए टिप्स राह को आसान बनाता रहा।
डा. योगेश ने शिक्षकों को संदेश देते हुए कहा कि इमानदारीपूर्वक व निष्ठा के साथ अदि हम अपने फर्ज को अंजाम देंगे तो राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने शिक्षकों से समय पर स्कूल पहुुंचने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की अपील की।
विद्यालय के प्रति हैं समर्पित
प्लस टू बालिका उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यक डा. फरहत आरा ने बताया कि डा. योगेश सम्मान के हकदार थे। उन्होंने जिला नाम बढ़ाया है। वह हमारे स्कूल के शिक्षक हैं यह हमारे लिए गर्व की बात है। वह हमेशा से विद्यालय के प्रति समर्पित रहें हैं और नियमित रूप से समय पर स्कूल पहुंचते हैं।
