UPSC टॉपर श्रुति शर्मा ने दिए सफलता के टिप्स, पढाई के लिए नहीं छोड़ा सोशल मीडिया
UPSC 2021 का फाइनल रिजल्ट जारी हो चूका है। जिसमें दिल्ली की श्रुति शर्मा ने टॉप किया। श्रुति बिजनौर में जन्मी हैं। दिल्ली से हिस्ट्री की पढ़ाई की है। 26 साल की श्रुति को एग्जाम में सिलेक्ट होने का तो पक्का यकीन था लेकिन टॉप रैंक पाकर वो खुद हैरान हैं।
श्रुति ने 10वीं से 12वीं की पढ़ाई सरदार पटेल स्कूल से की। ग्रेजुएशन सेंट स्टीफन्स कॉलेज से किया। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में (JNU) में एडमिशन लिया, लेकिन डिग्री हासिल करने के लिए दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (डीएसई) में दाखिला लेने के लिए JNU छोड़ दिया।

देश की सबसे कठिन परीक्षा में टॉप करने का सफर
श्रुति बताती है की “सिलेबस बहुत ज्यादा है, लेकिन मैंने कभी घंटे गिनकर पढ़ाई नहीं की। स्टडी मटेरियल को सीमित करने की चुनौती सबसे बड़ी है। मैं सिर्फ अपने नोट्स पर फोकस करती थी।”
UPSC क्लियर करने के लिए 3 सुझाव

श्रुति कहती है की “मेरे लिए प्रीलिम्स कभी भी स्ट्रॉन्ग पॉइंट नहीं रहा, क्योंकि उसका नेचर बदल रहा है। मैं खुद दोनों बार श्योर नहीं थी कि क्लियर होगा। इसके लिए कोई स्ट्रेटजी नहीं है। लेकिन सिलेबस पर ध्यान रखना, बेसिक बुक्स, प्रीवियस एग्जाम्स के पेपर और रिवीजन जितना ज्यादा होगा उतना ही हेल्पफुल होगा।”
मेंस की तैयारी के दौरान रूटीन

श्रुति ने कहा की पैरेंट्स और फ्रैंड्स सपोर्टिव होते हैं। मुझे अच्छे संस्थानों में पढ़ने का मौका मिला। परिवार में पैरेंट्स, भाई और नानी हैं, उन्होंने हमेशा मोटिवेट किया। प्री-मेन्स के बीच बहुत कम टाइम था, इसलिए पूरा टाइम सिर्फ स्टडी में ही निकला। जो जरूरी ब्रेक होता था केवल वही लिया।
UPSC में ऑप्शनल सब्जेक्ट
श्रुति ने MA हिस्ट्री में एडमिशन लिया था, लेकिन डिग्री पूरी नहीं कर पाई थी। उन्होंने ऑप्शनल हिस्ट्री ही चुना क्योंकि जिस सब्जेक्ट में इंटरेस्ट होता है उसमें तैयारी करना आसान होता है।
इंटरव्यू में पूछा गया कठिन सवाल

उन्होंने आगे बताया की “इंटरव्यू से मेरी उम्मीदें बहुत ज्यादा थीं। मुझे बुरा इसलिए लगा कि कई मुश्किल फैक्चुअल सवाल थे, जिनके जवाब मुझे नहीं पता थे। कंटीन्यूअस वॉइज, लॉर्ड मेयो का एसेसिनेशन और 1812 का युद्ध जैसे सवाल पूछे थे। मैंने सोच रखा था कि जो नहीं पता था उसके लिए मैंने ईमानदारी से कहा कि मुझे जवाब नहीं आता।”
पढाई के लिए नहीं छोड़ा सोशल मीडिया
श्रुति ने कहा “सोशल मीडिया कई बार डिस्ट्रेक्टिंग होता है, लेकिन मैं लिमिटेड टाइम देती थी। ग्रुप्स में स्टडी मटेरियल में मदद मिली। डिजीटल में ओवरलोडिंग मटेरियल है उससे बचना चाहिए। बस काम की चीजें ही पिक करना चाहिए। डिजीटल कंटेन्ट भी आराम से मिल रहा है।”

श्रुति ने अपने प्लान बी के बारे में बताते हुए कहा की उन्हें एजुकेशन या डेवलपमेंट में ही काम करना था। उनका यूपी में ही एडमिनिस्ट्रेटिव फील्ड में काम करने का मन है।