जानिए कौन है बिहार के IPS अमित लोढ़ा, जिनके जीवन पर बनी है वेब सीरीज ‘खाकी’
राजस्थान का एक नौजवान बिहार आता है। उस वक्त हत्या, डकैती व अपहरण का दूसरा नाम रहे बिहार में अपराधियों से लोहा लेता है। बिहार में अपने अनुभवों को किताबों की शक्ल देता है।
उनके जीवन पर आधारित ऐसी ही किताब पर Netflix की वेब सीरीज ‘खाकी: द बिहार चैप्टर’ (Khakee- The Bihar Chapter) रिलीज हुई है। हम बात कर रहे हैं आइपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा व उनकी खाकी वर्दी की सच्ची कहानी (Real Story of Khakee) की।
सुपर कॉप के रूप में जाने जाते हैं अमित लोढ़ा
देश के लोकप्रिय पुलिस अधिकारियों में शामिल बिहार के आइपीएस अमित लोढ़ा ‘सुपर कॉप’ के रूप में भी जाने जाते हैं। उनकी यह छवि बिहार में अपराधियों से लड़ते हुए बनी। करीब 25 साल पहले का बिहार संगीन आपराधिक वारदातों के लिए बदनाम था।
यहां से डाक्टर-इंजीनियर से लेकर व्यवसायी तक, हर वर्ग के लोग पलायन कर रहे थे। ऐसे में राजस्थान से आए दुबली-पतली काया के नौजवान 1997 बैच के आइपीएस अमित लोढ़ा यहां के अपराधियों का एक-एक कर सफाया कर देंगे, ऐसी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी।
अपराधियों से हिम्मत के साथ लिया लोहा
अमित लोढ़ा कहते हैं कि उन्होंने बिहार के कुछ दोस्तों से राज्य के बारे में सुन रखा था, लेकिन हालात इतने खराब होंगे, ऐसा नहीं सोचा था। लोढ़ा कहते हैं कि उन्होंने अपनी कर्मभूमि बिहार के लिए कुछ करने की सोची।
बिहार में पोस्टिंग भी अपराध के गढ़ माने जाने वाले नालंदा, बेगूसराय, शेखपुरा, मुजफ्फरपुर और गया आदि जिलों में होती रही। लोढ़ा ने साल 2006 में शेखपुरा के गब्बर सिंह उपनाम से कुख्यात अशोक महतो और उसके साथी पिंटू महतो को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। ऐसी हिम्मत तब के बड़े-बड़े पुलिस अधिकारी नहीं कर सके थे।
अपराध रोककर जीता जनता का भरोसा
एक निजी मीडिया से बातचीत में बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसके भारद्वाज कहते हैं कि बिहार में तब पुलिस के लिए कठिन हालात थे और अपराधी बेलगाम थे। लेकिन अमित लोढ़ा ने बेमिसाल काम किया। वे एक ईमानदार अधिकारी तो हैं हीं, साथ ही जनता के अधिकारी भी हैं। अपराध पर लगाम लगाकर जनता का भरोसा जीतना उनकी बड़ी उपलब्धि रही।
‘बिहार डायरीज’ पर बनी वेब सीरीज
अमित ने अपने 25 साल के पुलिस करियर को दो किताबों में निचोड़ कर रख दिया है। इनमें से ही एक किताब ‘बिहार डायरीज’ पर बालीवुड के निर्देशक नीरज पांडेय ने वेब सीरीज बनाने का फैसला किया।
नेटफ्लिक्स पर रिलीज ‘खाकी- द बिहार चैप्टर’ यही वेब सीरीज है। इसमें अमित लोढ़ा की भूमिका में करण टैकर हैं। किताब को स्क्रीन प्ले की शक्ल देने वाले उमाशंकर सिंह बिहार के सहरसा के रहने वाले हैं।
डिप्रेशन में सुसाइड तक का आया ख्याल
आज अमित लोढ़ा सफल अधिकारी हैं, लेकिन उन्होंने निराशा का ऐसा दौर भी झेला था, जब उनके मन में सुसाइड तक का ख्याल आया था। अमित लोढ़ा आइआइटी दिल्ली से इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं, लेकिन एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमित लोढ़ा ने कहा था कि आइआइटी दिल्ली में जाकर पढ़ाई उनके जीवन का एक भयानक अनुभव था।
आइआइटी में उनके ग्रेड खराब होने लगे, उन्होंने खुद को कमतर महसूस किया तथा डिप्रेशन का शिकार हो गए और सुसाइड करने तक की सोची। एक ऐसा भी समय आया, जब उन्होंने खुद को दुनिया सबसे अभागा आदमी समझा था।
पहले प्रयास में ही आइपीएस बने अमित
लेकिन कहते हैं न कि सबका वक्त बदलता है। आइआइटी से पास होने के बाद अमित लोढ़ा ने यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और पहले प्रयास में ही आइपीएस बन गए। इसके साथ उनका खोया आत्मविश्वास लौटा। अमित के आइपीएस बनने के पीछे उनके नाना, जाे एक आईएएस अधिकारी थे, की प्रेरणा अहम रही।