सीमांचल में बिखरी ‘पीले सोने’ सी चमक, खेतों में लहलहा रही सरसों की फसल
बिहार के सीमांचल इलाके में इन सरसों की फसल के पीले फूलों ने कश्मीर की वादियों सी रौनक बिखेर दी है। सीमांचल के सैकड़ों हेक्टेयर रकबे में इन दिनों सरसों की फसल लहलहा रही है। सरसों के पीले फूलों को देखकर ऐसा लग रहा है, कि मानों इन दिनों चंबल ने पीली चादर ओड़ ली हो। इन दिनों हर ओर पीले सोने सी चमक दिख रही है। सरसों की फसल के अनुरूप मौसम होने के चलते पोठिया प्रखंड क्षेत्र में इस बार पीला सोना यानी सरसों की फसल अच्छी होने की उम्मीद दिखाई दे रही है। किसानों को भी सरसों की फसल से अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है। क्षेत्र में ज्यादातर सरसों की फसलों में पीले फूल खिले हैं। फलियां आनी शुरू हो चुकी है।
जिस की देखभाल में किसान जुटे हुए हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी सरसों की फसल को लेकर किसानों को आगामी बीमारियों को लेकर कुछ सलाह दी है। इन दिनों सरसों के पौधे में गदराए पीले फूलों की चादर से मानो धरती ढक गई है।
![yellow flowers of mustard crop](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2021/12/yellow-flowers-of-mustard-crop.png)
लहलहाती सरसों देख किसान बेहद खुश
प्रखंड क्षेत्र के किसान इन दिनों खेतों में लहलहाती सरसों का पौधा देखकर बेहद खुश नजर आ रहे हैंं। खेतों में लहलहाते पीला सोना देख किसानों को इस साल सरसों की अच्छी फसल होने की आशा है। पीला सोना यानी सरसों की महक किसानों के खेतों में दिखाई देने लगी है और मौसम में आए बदलाव को देखते हुए प्रखंड सहित जिले भर में पीले सोने का अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद लगाया जा रहा है। किसान इस कड़ाके की ठंंड में भी दिनभर अपने खेतों में काम करते नजर आ रहे हैं।
कम लागत से अधिक उत्पादन की चाह में प्रखंड क्षेत्र में किसानों के खेतों में सरसों की बुआई पिछले साल की तुलना में ज्यादा मात्रा में किया गया है। इस साल कृषि विभाग ने लगभग साढ़े तीन सौ एकड़ भू-भाग पर बुआई होने की बात बता रहे हैंं। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पोठिया प्रखंड में किसानों ने पिछले वर्ष के भांति अधिक भू-भाग पर सरसों की बुआई किया है।
सरसों की फसल के लिए मौसम बेहद उपयुक्त
सरसों की खेती इस साल किसान लगभग साढ़े तीन सौ एकड़ भू-भाग पर बुआई किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में कुछ अधिक है। वहीं प्रखंड क्षेत्र के अलग-अलग किसानों ने जानकारी के दौरान बताया कि सरसों की फसल के लिए यह मौसम बेहद उपयुक्त है। इसलिए सरसों का अच्छा उत्पादन होने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
कृषि विभाग के कर्मियों ने बताया कि यदि किसानों को किसी प्रकार की कोई परेशानी या फसल में किसी प्रकार की भी बीमारी का प्रकोप दिखाई दे तो वे पंचायत किसान सलाहकार, प्रखंड कृषि समन्वयक या प्रखंड कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
सरसों की अच्छी पैदावार होने की संभावना
सरसों के फसल में किसी प्रकार की बीमारी का पता चलने पर इसकी जानकारी जरूर दें। ताकि ससमय उनका निदान हो सके। वहीं प्रखंड क्षेत्र के किसान मु. अशरफ अली, जहीरूल हक, मुख्तार आलम, रफीक आलम,मो. शाहीद, इदरीस आलम, रईसुद्दीन, मदनलाल हरिजन आदि दर्जनों किसानों ने अलग-अलग जानकारी देते हुए बताया कि यदि मौसम आगे भी ठीक-ठाक रहा और फसलों पर किसी प्रकार की बीमारी का प्रकोप नहीं लगा तो सरसों की अच्छी पैदावार होने की संभावना जताई जा सकती है।