29 IAS Trainee Officers reached Araria

अररिया पहुंचे 29 IAS Trainee Officers, IPS सृ‍ष्टि ने जूली के दिल में जगाया कलक्‍टर बनने का अरमान

29 प्रशिक्षु अधिकारियों का दल अररिया में है। सभी गांवों में घूम रहे हैं। ग्रामीण परिवेश को देख रहे हैं। इसी दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने कई प्रेरणादायी बातें बताई। अधिकारियों ने ग्रामीण जीवनशैली समझी बच्चों को पढ़ाई के लिए किया प्रेरित। बुधवार, पूस माह की बूंदाबांदी के बाद गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा है। कहीं अलाव तो कहीं बोरसी लोगों को अलसा रही है। गांव में तभी कोई धीमी आवाज में फुसफुसाता है – योजना की जांच करने के लिए अधिकारी आए हैं। जो भी बात हो, साफ-साफ बता देना। जिनके कानों तक आवाज जाती है, वे चौकन्ने हो जाते हैं।

29 trainee officers team in Araria
29 प्रशिक्षु अधिकारियों का दल अररिया में

दरअसल, 29 प्रशिक्षु अधिकारियों के दल से बने उपदल के छह प्रशिक्षु अधिकारी अनुज शर्मा, एस राल्लापल्ली, रिया डाबी, रोहन झा, श्रेया त्यागी व सृष्टि गुप्ता हांसा गांव में ग्रामीण जीवन को करीब से समझने पहुंचे हैं। इससे पहले इन्होंने पंचायत सरकार भवन में ही नाश्ता किया था। आगे चलकर दो-दो प्रशिक्षु अधिकारी अलग-अलग टोलों में निकल गए। प्रशिक्षु आइपीएस सृष्टि व आइएएएस अनुज शर्मा वार्ड संख्या 10 के राम टोला में पहुंचे। लोगों से बातचीत करते हुए सीधे रामदेव के आंगन में घुसे।

Araria village trainee officers visit
छह प्रशिक्षु अधिकारी अनुज शर्मा, एस राल्लापल्ली, रिया डाबी, रोहन झा, श्रेया त्यागी व सृष्टि गुप्ता हांसा गांव में ग्रामीण जीवन को करीब से समझने पहुंचे

सृष्टि ने बताया कि कलक्टर क्या होता है?

सृष्टि वहीं मौजूद चारपाई पर बैठ गईं और पास खेल रहे बच्चों को पास बुलाया। हर एक से पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानकारी ली। पढ़ाई में सबसे तेज बच्चे को खोजा गया तो आठवीं कक्षा की जूली सामने आई। सृष्टि ने किताबें खुलवाकर कुछ मामूली सवाल-जवाब किए। पूछा-कहां तक पढऩा है। जूली ने बताया-मैट्रिक तक। सृष्टि चौंक उठीं, इतना कम क्यों! क्या तुम कलक्टर बनना चाहती हो, जानती हो कि कलक्टर किस चिडिय़ा का नाम है! फिर सृष्टि ने उसे बताया कि कलक्टर क्या होता है।

IPS Srishti awakened Julies desire to become a collector
IPS सृ‍ष्टि ने जूली के दिल में जगाया कलक्‍टर बनने का अरमान

जूली से कहा – ग्रेजुएशन करो। जूली ने भी वादा किया कि वह ग्रेजुएशन कर आइएएस बनेगी। छठी कक्षा के सौरभ से 11 व 13 का पहाड़ा सुनकर उसे शाबासी दी। दोनों अधिकारियों ने यहां मौजूद एक दर्जन से अधिक अधिकारियों को पढऩे के लिए प्रेरित किया। दोनों बच्चों से मिलकर काफी खुश दिखे। सारे अधिकारी छह जनवरी तक गांवों में घूमकर कई बिंदुओं पर शोध करेंगे।

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