बिहार में मखाना की खेती करने पर मिलेगी 97 हजार रूपये की आर्थिक मदद, शुरू हो रहा है मखाना महोत्सव
बिहार की मखाना लोकप्रिय फसलों में से एक है। यहाँ के कई जिलों में बड़े स्तर पर किसान इसकी खेती करते हैं। कम लागत में बढ़िया मुनाफे के चलते इसकी तरफ किसानों की दिलचस्पी बढ़ी जा रही है।
किसानों को इसकी खेती की तरफ प्रोत्साहित करने के लिए बिहार में मखाना महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 29 और 30 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में किया जा रहा है।
इतनी मिलती है आर्थिक मदद
मखाना महोत्सव में किसानों को इसकी खेती में मुनाफा बढ़ाने के तरीके, मशीनरी का बेहतर उपयोग करना सिखाया जाएगा। जानकारी दे दें कि बिहार सरकार मखाना की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी भी देती है।
बागवानी विभाग मखाना के उच्च प्रजाति के बीज का प्रत्यक्षण हेतु सरकार 75% अनुदान देती है। इसकी इकाई लागत 97 हजार रुपये हैं, इसका मतलब सब्सिडी के रूप में किसानों को 75 हजार रुपये मिलेंगे।

मखाना प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जाती है। सरकार द्वारा जारी एडवायजरी के मुताबिक व्यक्तिगत निवेशकों के लिए 15% तो किसान उत्पादक संगठन के लिए 25% तक की आर्थिक मदद दी जाएगी।
सबसे ज्यादा खेती बिहार में
देश के 80% मखाना का उत्पादन बिहार में होता है। इसकी खेती के लिए यहां कि जलवायु बेहद उपयुक्त मानी जाती है। असम, मेघालय के अलावा ओडिशा में भी इसकी खेती थोड़ी बहुत की जाती है। इसकी खेती तालाब और पोखर वाले इलाकों में करने की सलाह दी जाती है।
इस मिट्टी पर होती है अच्छी खेती
मखाना की खेती लिए चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जलाशयों, तालाबों नीचली जमीन में रूके हुए पानी में इसकी अच्छी उपज होती है। निचली भूमि जिसमें धान की खेती होती है,वहां भी मखाने की खेती की जा सकती है। इसकी खेती से किसान आसानी से कम लागत में 3 ले 4 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं।
