अगर नहीं है आयुष्मान कार्ड तो पहुंचें सरकारी अस्पताल, 5 लाख का बनेगा हेल्थ कार्ड
यदि आप भी आयुष्मान कार्ड के अभाव और योजना की जानकारी से वंचित हैं तो यह खबर आपके लिए है। जानकारी न होने के कारन लाभुक एक साल में पांच लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा हासिल करने से वंचित हो जा रहे हैं।
दरअसल बिहार के सरकारी अस्पतालों में शिविर लगाकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे। राज्य में आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल लक्षित परिवारों के कुल 5 करोड़ 55 लाख व्यक्ति लाभुक हैं।
![Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/09/Ayushman-Bharat-Pradhan-Mantri-Jan-Arogya-Yojana.jpg)
योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 8 लाख 95 हजार परिवार शामिल
इस योजना के अंतर्गत राज्य के एक करोड़ 8 लाख 95 हजार परिवार शामिल हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले 1 करोड़ 29 हजार 655 परिवार और शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले 8 लाख 65 हजार 521 परिवार शामिल हैं।
बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में अब तक करीब 33 फीसदी लाभुक परिवारों का आयुष्मान गोल्डन कार्ड बन चुका है। कुल लक्षित परिवारों के लाभुकों में राज्य में अब तक 76.56 लाख व्यक्तियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा सके हैं।
अस्पताल में तुरंत जारी होगा आयुष्मान कार्ड
हालाँकि बिहार में आयुष्मान भारत योजना के लाभुक परिवारों एवं व्यक्तियों को बीमार होने पर बिना कार्ड के भी तत्काल इलाज की सुविधा उपलब्ध किए जाने के निर्देश सभी अस्पतालों को मिले हैं लेकिन इसके लिए लाभुकों के अस्पताल पहुंचने पर तुरंत आयुष्मान कार्ड जारी कर इलाज शुरू करना है।
![Ayushman card will be issued immediately in the hospital](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/09/Ayushman-card-will-be-issued-immediately-in-the-hospital.jpg)
लाभुक को तत्काल आयुष्मान कार्ड मिल सके इसके लिए सभी पंजीकृत अस्पतालों को लॉगिन और पासवर्ड दिये गए हैं। वहीँ खबर है कि आयुष्मान कार्ड बनाने की गति को तेज करने के लिए एजेंसियों की संख्या बढ़ाकर चार की जाएगी।
काम में तीव्रता लाने का हो रहा है प्रयास
बिहार में वर्तमान में दो एजेंसियों के माध्यम से आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। इनमें वसुधा केंद्र और यूटीआई-आईटी शामिल हैं। बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के के अनुसार राज्य में दो नयी एजेंसियों ‘ जफायर’ तथा ‘कलर्स प्लास्ट’ को शामिल किया जा सकता है।
राज्य में आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरूआत 23 सितंबर 2018 को हुई थी। अब तक राज्य में 4.36 लाख लाभुकों को विभिन्न अस्पतालों में इलाज की नि:शुल्क सुविधा प्रदान की जा चुकी है जिनपर करीब 462 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
![bpsc batch perfection ias](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/09/bpsc-batch-perfection-ias.jpg)