बिहार के इस सरकारी स्कूल में ट्रेन में होती है पढाई, जानिए शिक्षा के इस नए मॉडल को
बिहार का एक सरकारी स्कूल आज-कल बहुत चर्चा में है। इस स्कूल के बच्चे क्लास रूम में नहीं, बल्कि ट्रेन में बैठकर पढ़ते हैं। यह मध्य विद्यालय गया जिले के बांके बाजार प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह में है।
इस स्कूल के प्रिंसिपल ने क्लासरूम को ट्रेन की बोगियों की शक्ल दे दी है। ऐसा करने से अब इस विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति बढ़ गई है। अब यहाँ के बच्चे शिक्षा एक्सप्रेस पर सवार होकर भविष्य के सफर पर निकल चुके हैं।
बच्चों को खूब आकर्षित कर रहा स्कूल
मध्य विद्यालय नावाडीह की क्लासरूम के दरवाजों से जब विद्यार्थी झांकते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे यात्री ट्रेन के डब्बे से झांक रहा हो। ट्रेन जैसा दिखने वाला यह स्कूल बच्चों को खूब आकर्षित कर रहा है। इस विद्यालय को बड़ी ही खूबसूरती से सजाया और बनाया गया है। साथ ही यहां बच्चे खेलते हुए भी बहुत कुछ सीखते हैं।
पूरे जिले में हो रही प्रधानाचार्य की चर्चा
स्कूल के प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार की पहल की चर्चा आज पूरे जिले में हो रही है। ट्रेन के जैसी स्कूल की दीवारें बच्चों को आकर्षित करती हैं। पढ़ाई में बच्चों की रुचि पैदा करने के लिए यह प्रयोग किया गया है। इस प्रयोग से यह स्कूल चर्चा में है और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
बच्चे गांव के प्राइवेट स्कूलों से नाम कटाकर इस सरकारी स्कूल में दाखिला ले रहे हैं। इस समय विद्यालय में बच्चों की संख्या 400 से ऊपर है। नक्सल प्रभावित इलाके के इस गांव में इतनी बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं का पहुंचना बहुत ही बड़ी बात है।
भविष्य का सफर तय कर रहे है बच्चों
मध्य विद्यालय नावाडीह के प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार के अनुसार, बच्चों को लगे कि वे ट्रेन में बैठकर भविष्य का सफर तय कर रहे हैं। इसी सोच के साथ ट्रेन मॉडल की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि हम बच्चों को अनुकूल वातावरण दे रहे हैं।
जिस कारण विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ रही है। आज हमारे विद्यालय में करीब 300 बच्चे रोजाना स्कूल आते हैं। और उम्मीद है आने वाले दिनों में इसमें वृद्धि होगी।