बिहार के लाल हिमांशु IIT छोड़कर बने फौजी, जाने IMA से पास आउट होकर लेफ्टिनेंट बनने की कहानी
बिहार के खगड़िया के बेलदौर प्रखंड क्षेत्र के नारदपुर निवासी सूबेदार मेजर सूचित कुमार के छोटे पुत्र हिमांशु राज भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बने हैं। उन्होंने IIT एडवांस्ड में सफल होने के बाद NDA जॉइन किया था। वह इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून से 11 दिसंबर को पास आउट हुए। उनकी इस सफलता से जहां खगड़िया में सभी लोग गौरवान्वित हैं, वहीं उनके पैतृक गांव में लोग मिठाइयां बांट रहे हैं। हिमांशु 1 बहन और 2 भाई में सबसे छोटे हैं। उनके पिता भारतीय सेना से सूबेदार मेजर (ऑनररी कैप्टन) की पद से 2020 में रिटायर्ड हो चुके हैं। वहीं, बड़े भाई शुभम राज बेंगलुरू में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। मां ममता कुमारी गांव में ही सरकारी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका हैं।
सफलता का श्रेय दिया माता-पिता को
हिमांशु अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं। हिमांशु ने NDA के उसी चार्ली Squadron में थे, जहां से शहीद CDS जनरल बिपिन रावत ने ट्रेनिंग ली थी। हिमांशु ने बताया कि वे IIT में सफल होने के साथ NDA में भी चयनित हुए थे। जिसके बाद उन्होंने IIT को छोड़ भारतीय सेना में अपने पिता की तरह देश सेवा में जाने की सोची। इसमें उनके पिता का मार्गदर्शन मिलता रहा।
IIT एडवांस्ड में थी 7646वां रैंक
सेना में लेफ्टिनेंट बनने वाले 19 साल के शुभम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा खगड़िया में ही हासिल की है। वे खगड़िया के महेंशखूंट स्थित DAV स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की है। जबकि विशाखापट्नम के चैतन्या इंस्टिट्यूट से उन्होंने 10+2 किया है। वहीं, 2017 में वे IIT एडवांस्ड में 7646वां रैंक हासिल किया था।
हिमांशु ने बताया कि जिस साल उन्होंने IIT-JEE एडवांस्ड पास किया था उसी साल उनका चयन NDA में भी हो गया। वे बताते हैं कि देश सेवा की इच्छा को दिल में लिए उन्होंने NDA जॉइन किया था, जो सपना साकार होता दिख रहा है। उनकी इस सफलता पर खगड़िया डीएम डॉ. आलोक रंजन घोष ने भी बधाई दी।
पिता ने कहा- सपना हुआ साकार
अपने पुत्र की सफलता को लेकर हिमांशु के माता और पिता अपनी खुशियां जाहिर कर बेटे के लेफ्टिनेंट बनने को सपना बता रहे हैं। पिता सूचित कुमार ने बताया कि जब वे सेना में थे तो एक ही सपना था कि उनका बेटा भी देश की सेवा करे। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने उनके सपने को साकार किया है। जिससे वे अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।