बिहार में NTPC का पॉवरप्लांट बन कर तैयार, UP सहित 3 राज्यों को बिजली होगी सप्लाई
देश की सबसे बड़ी ऊर्जा उत्पादक कंपनी एनटीपीसी (NTPC) लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली बिजली परियोजना नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी (Nabinagar Power Plant) का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। इससे 1980 मेगावाट बिजली का न केवल उत्पादन होगा बल्कि इसमें बिहार को 1683 मेगावाट सस्ती बिजली मिलने से प्रतिवर्ष 150 करोड़ रुपए से अधिक की बचत होगी। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय सिंह ने बताया कि परियोजना की तीसरी इकाई के सिंकोनाइजेशन के बाद कल रात से तीसरी यूनिट का ट्रायल रन शुरू हो गया है और इसे 22 जनवरी से 72 तक घंटे तक फुल लोड पर चलाया जाएगा।इसके बाद इस इकाई से भी बिजली का व्यवसायिक उत्पादन होने लगेगा और इसके साथ ही यह परियोजना राष्ट्र को समर्पित करने के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगी।
विजय सिंह ने बताया कि इस परियोजना में 660-660 मेगा वाट की कुल 3 इकाइयां हैं जिनका निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इन इकाइयों के निर्माण पर 19,400 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना की दो इकाइयों से फिलहाल 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है जिसमें बिहार को 1122 मेगावाट बिजली मिलती है। इस परियोजना में उत्पादित कुल बिजली का 85% हिस्सा बिहार को, 10% बिजली उत्तर प्रदेश, 4% झारखंड और 1% बिजली सिक्किम को मिलता है।
बिहार को मिलेगी पर्याप्त बिजली
मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि तीनों इकाइयों से बिजली उत्पादन शुरू हो जाने के बाद बिहार को पर्याप्त बिजली मिलने लगेगी और यह राज्य बिजली उपलब्धता के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि बिहार जहां से अभी बिजली खरीद रहा है उसकी तुलना में एनपीजीसी द्वारा उत्पादित बिजली 10 पैसे प्रति यूनिट कम कीमत पर राज्य को मिल रही है। उन्होंने बताया कि यह देश का सुपरक्रिटिकल टेक्नोलॉजी से बना पहला पावर प्रोजेक्ट है और इस परियोजना में अन्य प्रोजेक्टों की तुलना में कोयले की खपत कम होती है।
2970 एकड़ भू-भाग में फैले इस परियोजना के लिए प्रति वर्ष 7 मिलियन टन कोयले की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड से की जा रही है। इससे सीसीएल के साथ-साथ रेलवे को भी कोयला ढुलाई के मद में प्रतिवर्ष करीब 350 करोड़ रुपए की आमदनी हो रही है। उन्होंने यह भी बताया कि परियोजना प्रदूषण रहित है और इसके लिए कई अत्याधुनिक संयंत्र लगाए गए हैं।
Ghanta bihar ko milta ahi