पश्चिम बंगाल से आगे निकला बिहार, ई-श्रमिक कार्ड बनवाने वालो की संख्या 23 करोड़ के पार
ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की संख्या 23 करोड़ के पार पहुंच गई है। यह आंकड़े 19 दिसंबर के सुबह तक के हैं। ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के मामले में वैसे तो सबसे आगे उत्तर प्रदेश है। यहां करीब 8 करोड़ लोगों के पास ई-श्रमिक कार्ड है, जबकि आज बिहार ने पश्चिम बंगाल को पछाड़ दिया है। अब बिहार दूसरे और पश्चिम बंगाल तीसरे नंबर पर पहुंच गया है।
यूपी में रजिस्ट्रेशन करीब 8 करोड़
अगर राज्यों की बात करें तो योगी सरकार द्वारा श्रमिकों को हर महीने 500 रुपये देने की घोषणा के बाद रजिस्ट्रेशन की ऐसी बाढ़ आई कि यहां संख्या 7.99 करोड़ से अधिक हो गई है। अभी कुछ दिन पहले ही योगी सरकार ने मज़दूरों के खातों में 1000-1000 रुपये डाला था।
कौन कौन बनवा सकता हैं ई-श्रमिक कार्ड?
- हर दुकान का नौकर / सेल्समैन / हेल्पर, ऑटो चालक, ड्राइवर, पंचर बनाने वाला, चरवाहा, डेयरी वाले, सभी पशुपालक
- पेपर का हॉकर, जोमैटो स्विगी के डिलीवरी बॉय, मनरेगा मज़दूर, ईंट भट्ठा के मज़दूर, पत्थर तोड़ने वाले, खदान मज़दूर
- फाल्स सीलिंग वाला, मूर्ति बनाने वाले, मछुआरे, रेजा, कुली, रिक्शा चालक, ठेले में किसी भी प्रकार का सामान बेचने वाला (वेंडर)
- चाट ठेला वाला, भेल वाला, चाय वाला, होटल के नौकर/वेटर, रिसेप्शनिस्ट, पूछताछ वाले क्लर्क, ऑपरेटर, मंदिर के पुजारी,
- अमेज़न फ्लिपकार्ट के डिलीवरी बॉय (कूरियर वाले), नर्स, वार्डबॉय, आया, ट्यूटर, घर का नौकर – नौकरानी (काम वाली बाई)
- खाना बनाने वाली बाई (कुक), सफाई कर्मचारी, गार्ड, ब्यूटी पार्लर की वर्कर, नाई, मोची, दर्ज़ी ,बढ़ई , प्लम्बर,
- बिजली वाला (इलेक्ट्रीशियन), पोताई वाला (पेंटर), टाइल्स वाला, वेल्डिंग वाला, खेती वाले मज़दूर
- विभिन्न सरकारी ऑफिस के दैनिक वेतन भोगी यानी वास्तव में आपके आसपास दिखने वाले प्रत्येक कामगार का यह कार्ड बन सकता है।
बाकी के 1000 रुपये कब आएंगे
यूपी सरकार ने 1000-1000 रुपये की जो रकम श्रमिकों के खातों में भेजी है, वह दिसंबर-मार्च की हैं। अभी यूपी में चुनाव आचार संहिता लगी है। ऐसे में अगली सरकार चाहे जिसकी बने, बाकी के 1000-1000 रुपये 10 मार्च के बाद ही आएंगे।