बिहार के बढ़ई का कमाल, महँगी हुई ईट तो सीमेंट और रेत से बना लिया पक्का मकान
प्राचीन काल के आर्यभट्ट हों या आधुनिक समय में सिविल सर्विस परीक्षा पास कर कलेक्टर-एसपी बनने वाले छात्र, बिहार और ‘बिहारी दिमाग’ का जिक्र अक्सर आता ही रहता है। लोग मुहावरे के तौर पर बिहारवासियों के कार्य-कला-कौशल की तारीफ कर देते हैं। कुछ ऐसी ही तारीफ इन दिनों भागलपुर जिले के एक बढ़ई को मिल रही है, जिसने बिना ईंट के सिर्फ सीमेंट और रेत से ही पक्का मकान बनाने का कमाल कर दिखाया है।

इंजीनियरिंग के इस अद्भुत नमूने को जमीन पर उतारने वाले बढ़ई की कलाकारी ऐसी है कि इस घर की न सिर्फ दीवारें, बल्कि खिड़की और दरवाजों की चौखट भी सीमेंट और रेत से ही ढाली गई हैं। क्या आप बिना ईंट के किसी पक्के मकान की कल्पना कर सकते हैं, नहीं न! लेकिन हम आपको अगर एक ऐसे मकान के बारे में बताएं जो पूरी तरह से पक्का हो, लेकिन उसके निर्माण में एक भी ईंट नहीं लगी हो तो आप क्या कहेंगे।

बिहार में बना मकान चर्चा का विषय
जी हां, एक ऐसा ही मकान बिहार में बना है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है। दरअसल ईंट की महंगी दरों से परेशान होकर बढ़ई मिस्त्री ने न केवल अनूठा प्रयोग किया, बल्कि ईंट रहित पक्के का मकान का निर्माण कर लोगों को हैरान कर डाला।

भागलपुर घोघा थाना क्षेत्र के पन्नुचक निवासी गणपति शर्मा ने अनूठा प्रयोग कर लोगों को चौंका दिया। घोघा थाना क्षेत्र के पन्नुचक गांव के रहने गणपति शर्मा पेशे से तो बढ़ई मिस्त्री हैं, लेकिन बिना ईंट का पक्का मकान का निर्माण कर राजमिस्त्री सहित लोगों को हैरान कर दिया है।
दरअसल ईंट की मंहगी दरों से परेशान होकर बढ़ई मिस्त्री गणपत शर्मा ने एक अनूठा प्रयोग करते हुए ईंट रहित पक्के का मकान निर्माण कर दिया।
अन्य मकान निर्माण के अपेक्षा 30 प्रतिशत कम लागत
ईंट रहित इस मकान में तीन कमरा और एक बरामदा के साथ अंडरग्राउंड कमरा भी है जहां गणपति शर्मा प्रतिदिन भगवान का ध्यान करते हैं। वहीं मकान के अन्य हिस्सों में अभी भी निर्माण कार्य जारी है। ईंट रहित इस मकान की दीवार सात से आठ ईंच मोटी है, जिसे सीमेंट और रेत मिलकर छत की ढलाई की तरह बनाया गया है।

गणपति शर्मा ने बताया कि इस तरह से मकान निर्माण में अन्य मकान निर्माण के अपेक्षा 30 प्रतिशत कम लागत आता है। मकान निर्माण में राज मिस्त्री, मजदूर का सहारा नहीं लिया गया है. परिवार के सदस्यों के सहयोग से ईंट रहित मकान का निर्माण किया गया है। मकान के दरवाजे व खिड़की के चौखट भी लकड़ी की बजाय सीमेंट व रेत निर्मित हैं।
लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया
हम आपको बता दें कि भागलपुर का घोघा ईंट निर्माण को लेकर वर्षों से एक अलग पहचान बनाए हुए है। घोघा निर्मित ईंट बिहार ही नहीं बल्कि झारखंड के कई जिलों में भेजे जाते हैं लेकिन इस परिवार ने ईंट रहित मकान बनाकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।

जिले में बिना ईंट से बने यह मकान चर्चा का विषय बना हुआ है। दूर-दूर से लोग इस मकान को देखने आ रहे हैं और मकान बनाने की इस तकनीक को समझने का प्रयास कर रहे हैं। गणपति शर्मा ने बताया कि जो भी लोग इस मकान को देखने आते हैं वो तारीफ करते हैं।

इच्छुक लोगों को निःशुल्क जानकारी दी जाती है और सहयोग करने के लिए भी वह तैयार हैं। वहीं पन्नुचक के कई लोग गणपति शर्मा से प्रेरित होकर ईंट रहित मकान निर्माण करने की सोच रहे हैं।