बिहार के इस रेल कारखाना ने पुरे किये 160 साल, एशिया के पहले रेल कारखाना के नाम दर्ज है कई रिकॉर्ड
एशिया का पहला रेल कारखाना बिहार में स्थित है। इसके नाम पर कई रिकार्ड दर्ज हैं। यहां पर सात हजार के करीब कर्मचारी काम कर रहे हैं। बिहार का यह रेल कारखाना मंगलवार को 160 वर्ष पूरा कर लेगा। इस सफर में इस कारखाना ने कई उतार-चढ़ाव दिखा। कई नए कीर्तिमान भी बना। पिछले 12 वर्षों से कारखाना मालगाड़ी वैगन मरम्मत में अव्वल रह है। आईये जानते है इसके बारे में ….
जी हाँ हम बात कर रहे है जमालपुर रेल कारखाना के बारे में। इस रेल कारखाना को भारतीय रेल का रीढ़ माना जाता है। यहां के तकनीशियानों की कुशल कारीगरी को देखकर देश के दूसरे रेल कारखाना के तकनीशियन तकनीकी रूप से दक्ष होने पहुंचते हैं।
08 फरवरी 1862 को जमालपुर रेल कारखाना की स्थापना अंग्रेजों द्वारा की गई थी। फिलहाल वर्तमान कारखाना निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। अब इसे निर्माण इकाई का दर्जा देने की मांग उठने लगी है। स्थापना समारोह बनाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस बार भी कोराेना नियमों का पालन करते हुए समारोह धूमधाम से मनाया जाएगा।
जर्मनी के बाद बनाया पहला क्रेन
जमालपुर रेल कारखाना ने जर्मनी के बाद पहला 140 टन भार वाला क्रेन बनाया था। अब यहां 175 टन का क्रेन बनाने की तैयारी तेजी से चल रही है। फिलहाल जर्मनी और चीन में इस तरह का क्रेन बनाया जाता है। कारखाना निजी कंपनियों को भी क्रेन उपलब्ध कराएगा।
अभी तक यह तमगा देश के किसी दूसरे कारखाना को नहीं प्राप्त हुआ है। देश के महत्वपूर्ण कारखाना में शामिल इस कारखाना का इतिहास गौरवशाली रहा है। कारखाना समय-समय पर क्षेत्रीय वाद और राजनीतिक अपेक्षा का दंश झेल है। कारखाना में बने जैक की डिमांड देश भर में है।
वैगन मरम्मती में वर्षों से नंबर वन पर
जमालपुर रेल कारखाना 12 से 13 वर्षों से वैगन मरम्मती में शिखर पर है। पूर्व रेलवे के सभी तीनों कारखानों की तुलना में जमालपुर रेल कारखाना का प्रदर्शन शानदार रहा है। लगातार पुराने आंकड़े को ध्वस्त कर नया रिकार्ड बनाने में कारखाना ने अपना अलग कीर्तिमान बनाया है।
शहर का व्यापार कारखाने पर है निर्भर
मुंगेर सहित जमालपुर और दूसरे जिले का व्यापार जमालपुर कारखाने पर ही निर्भर है। जमालपुर चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष वासुदेवपुरी ने कहा है, कि खासकर जमालपुर का व्यवसाय पूरी तरह कारखाने पर आधारित है।
कारखाना से ही जिले की पहचान है। कारखाना में वर्क लोड बढ़ेगा तो कर्मियों की संख्या बढ़ेगी। बाजार का व्यापार बूम करेगा। कारखाना को विकसित करने के लिए वर्क लोड बढ़ाना जरूरी है।
आम बजट में 1.50 करोड़ आवंटन
इस वर्ष आम बजट में जमालपुर कारखाने के आधुनिकीकरण के नाम पर सिर्फ रेलवे ने खानापूर्ति की है। और वर्ष 2022-23 में सिर्फ 1 लाख रुपये का आवंटन किया गया है। जबकि इससे पहले आम बजट 2021-22 में कारखाने को 1.50 करोड़ आवंटन हुआ था।
वहीं आधुनिकीकरण के नाम स्वीकृत राशि 67 करोड़ रुपये में अबतक मात्र 37 करोड़ रुपये का ही ड्राप्ट द्वारा भुगतान किया गया है। इससे कारखाना अपने ईस्टर्न रेलवे कोलाकाता के अधीन कल-कारखानों (लिलुआ और कांचड़ापारा) से भी पिछड़ गया है।