बिहार के इस शहर में हवाई जहाज में होटल, इसमें भोजन का लुत्फ़ उठा सकेंगे लोग, जाने खासियत
बिहार के मुजफ्फरपुर में लोग वर्षों से एयरोप्लेन उड़ने का सपना देख रहे हैं, लेकिन ये सपना आज तक पूरा नहीं हो सका है। भले ही मुजफ्फरपुर के लोग प्लेन में नहीं उड़ सकते, लेकिन अब प्लेन में बैठकर खाना खा सकते हैं। दरअसल, अहियापुर थाना क्षेत्र के शहबाजपुर में एक होटल कम्पनी एयरोप्लेन रेस्टोरेंट बना रही है।यह रेस्टोरेंट एक पुराने प्लेन में बनाया जा रहा है, जिसे कोयम्बटूर से लाया गया है। इस प्लेन में वेटर एयरहोस्टेस के वेश में होंगी। वही ऑर्डर लेंगी और भोजन भी परोसेंगी।
इसके प्रमाेटर औराई के शाही मीनापुर निवासी साकेत शाही ने कहा कि जिले का पताही एयरपोर्ट शुरू नहीं हो सका। जबकि, दरभंगा से हवाई जहाज उड़ान भरने लगे। इससे जिलेवासियाें में मायूसी थी। इसी को देखकर उन्होंने सोचा कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे लाेग प्लेन में बैठने का लुत्फ उठा सकें। पहले असेंबलिंग, फिर लैंड स्केपिंग से लेकर इंटीरियर, एक्सटीरियर आदि काम हाेंगे।

प्लेन में 30 लोग एक साथ बैठ कर खा पाएंगे खाना
यह प्लेन 60 सीटर है। इसमें रेस्टाेरेंट की सारी व्यवस्था किए जाने के बाद भी 30 लोग एक साथ खाना खा पाएंगे। प्लेन के नीचे, बगल में एक लांज बनाया गया है। वहां भी भाेजन करने की सुविधा रहेगी। प्लेन के आसपास छोटा सा पार्क रहेगा। बच्चों के खेलने की पूरी व्यवस्था हाेगी।

प्लेन की कीमत 45 लाख से अधिक
इस प्लेन के पार्ट-पुर्जाें को दो गाड़ियों में भर कर लाया गया है। 8 लाख ट्रांसपोर्टेशन पर खर्च हुए हैं। प्लेन की कीमत 45 लाख से अधिक आंकी गई है। एक गाड़ी पर इसकी बॉडी थी तो दूसरी पर पंख और तमाम चीजें।

आपको बता दें कि ये एयरोप्लेन NEPC एयरलाइन का है जो साऊथ इंडिया का एक मशहूर एयरलाइन कम्पनी है, जो 1992 से 1997 के बीच उड़ान भरती थी। बीते काफी समय से ये जहाज कोयम्बटूर में पड़ी हुई थी, जिसके बाद होटल कम्पनी ने इसे खरीद लिया और मुजफ्फरपुर ले आई।
ढाई महीने में तैयार हो जाएगा एरोप्लेन होटल
ऐसा बताया जा रहा है कि एरोप्लेन होटल ढाई महीने में तैयार हो जाएगा। मुजफ्फरपुर में जब से ये हवाई जहाज आया है, इसे देखने वालों की भीड़ लगने लगी है। दूर दूर से लोग इसे देखने आते हैं और इसके साथ सेल्फी लेते हैं।

लोग इसको लेकर काफी उत्साहित हैं कि भले ही जिले में जहाज से यात्रा करने की सुविधा उपलब्ध नहीं हुई है, लेकिन अब जहाज में बैठकर खाना खाने को मिलेगा।