बिहार में अब रेलवे लाइन से सीधे जुड़ेगा आरा और बलिया, सर्वे का काम हुआ पूरा
बिहार के भोजपुर जिले के लोगों को केंद्र सरकार बड़ा तोहफा देने जा रही है। जल्द ही आरा और बलिया रेल लाइन से जुड़ सकता है। बिहार और यूपी के दो प्रमुख जिलों को जोड़ने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने 61 किलोमीटर लंबे आरा-बलिया ट्रेन रूट का सर्वे पूरा कर लिया है। आरा और बलिया के बीच रेल लाइन का निर्माण होने से 1857 की क्रांति के योद्धा बाबू वीर कुंवर सिंह और मंगल पांडेय के इलाके आपस में सीधी रेल सेवा से जुड़ जायेंगे।
इससे यूपी और बिहार के बीच रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। साथ ही आर्थिक व व्यावसायिक लाभ भी दोनों राज्यों के लोगों को मिलेगा। इस रेल लाइन के बिछ जाने से आरा और बलिया की दूरी 36 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इन दोनों स्टेशनों के बीच 6 स्टेशन और 2 हाल्ट का निर्माण होगा। बिहार के भोजपुर और बक्सर के अलावा यूपी के बलिया जिले के विभिन्न हिस्सों के लोगों को लाभ मिलेगा। इससे गंगा किनारे दियारा इलाके के लोगों को भी रेल यात्रा की सुविधा मिल सकेगी।

जगजीवन हॉल्ट को जंक्शन बनाने का प्रस्ताव
पूर्वोत्तर रेलवे की तरफ से प्रस्तावित आरा और बलिया के बीच कुल लंबाई 61.693 किलोमीटर की लंबी रेल लाइन बिछेगी। इसके साथ ही आरा जंक्शन के पास स्थित जगजीवन हॉल्ट को नया जंक्शन बनाने का प्रस्ताव भी लाया गया है।

सर्वे टीम ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस रूट का प्रस्ताव भेज दिया है। अब जल्द ही इसपर डीपीआर बनाकर काम शुरू किया जाएगा।
नैनिजोर में बनेगा पुल
यह नई रेलवे लाइन भोजपुर जिले आरा से जगजीवन हाल्ट होते हुए मसाढ़, धमार, उमरावगंज और धमवल होकर बक्सर जिले के नैनीजोर के पास गंगा नदी को पार करके उत्तर प्रदेश में काठही कृपालपुर हल्दी, सोहिलपुर होकर बलिया के पास छपरा-वाराणसी रेल लाइन में मिल जाएगी।

इस रूट पर नैनिजोर और कृपालपुर के बीच गंगा नदी पर नया रेल पुल भी प्रस्तावित है। डीपीआर तैयार होने के बाद ही इस परियोजना के लागत का खुलासा होगा।
आरा और बलिया की घट जाएगी दूरी
इस नई रेल लाइन के निर्माण के बाद आरा और बलिया की दूरी घाट जाएगा। अभी लोगों को आरा से बलिया जाने के लिए पहले ट्रेन पकड़कर 68 किलोमीटर बक्सर जाना होता है जहां से सड़क मार्ग के जरिए 36 किलोमीटर की दूरी तय करके बलिया पहुंचते हैं।

अभी रेल और सड़क मार्ग मिलाकर लोगों को कुल 104 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। इससे लोगों का यात्रा में भी ज्यादा खर्च होता है। नई रेल लाइन बन जाने से यह दूरी घटकर 36 किलोमीटर की हो जाएगी।
मिलेगी विकास को रफ्तार
इस नई रेल लाइन के निर्माण के बाद भोजपुर और पूर्वांचल इलाके के पिछड़े इलाकों को विकास की नई रोशनी मिलेगी। अच्छी परिवहन सुविधा नहीं होने के कारण अभी तक इस इलाके का विकास अच्छे से नहीं हो पाया है।

आरा-बलिया रेल लाइन के धरातल पर उतारने के बाद इस इलाके के लोगों के लिए परिवहन आसान हो पाएगा और क्षेत्र में विकास और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
