बिहार के जवान को दूसरी बार मिला वीरता पदक, 5 BSF जवानों की बचाई थी जिंदगी
बिहार के मुंगेर के CRPF जवान देव संत कुमार को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया गया है। उन्हें पुलिस वीरता पदक से नवाजा गया है। शौर्य दिवस के मौके पर दिल्ली के CRPF अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान में भारत के गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने बिहार के बेटे को सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें 2017 में BSF के 5 जवानों को सुरक्षित निकालने और एक आतंकी को मार गिराने के लिए दिया गया।
शनिवार को CRPF शौर्य दिवस के मौके पर दूसरी बार देव संत कुमार को सम्मानित किया गया। इस दौरान उनके पिता मिथिलेश प्रसाद यादव, माता बीना देवी, पत्नी अमीशा यादव और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। अब तक उन्हें दो पुलिस वीरता पदक से नवाजा जा चुका है। आईये जानते है उनके बारे में।
![Home Secretary honoring Sant Kumar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/Home-Secretary-honoring-Sant-Kumar.jpg)
2018 में मिला था पहला पुरस्कार
देव संत को पहला पुलिस वीरता पदक 2018 में मिला था। उन्हें यह पुरस्कार 12 फरवरी 2018 को श्रीनगर के करणनगर इलाके में बहादुरी दिखाने के लिए दिया गया था। उन्होंने CRPF की 23वीं बटालियन में जैश ए मोहम्मद के तीन खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया था।
दूसरा 2020 में ऐलान किया गया
दूसरे वीरता पदक की घोषणा 2020 में हुई थी। जब 3 अक्टूबर 2017 को भी श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के समीप BSF के 182वीं बटालियन के कैंप में जैश-ए-मोहम्मद के तीन खूंखार आतंकवादियों ने हमला बोला था।
![Dev Sant Kumar has been deployed in the CRPF contingent in Srinagar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/Dev-Sant-Kumar-has-been-deployed-in-the-CRPF-contingent-in-Srinagar.jpg)
तब CRPF की टुकड़ी में तैनात देव संत कुमार ने रूम इंटरवेंशन की कार्रवाई के दौरान आमने-सामने की लड़ाई में एक आतंकवादी को ढेर कर दिया था। साथ ही BSF के 5 जवान को सुरक्षित बाहर निकाला। उनके इस अदम्य साहस के लिए राष्ट्रपति की ओर से पुलिस वीरता पदक के बारे में 2020 में ही घोषणा हुई थी।
क्या बोले संत कुमार?
देव संत कुमार ने कहा कि वह 2011 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में भर्ती हुए थे। 2012 से वह जम्मू कश्मीर में तैनात हैं। 2016 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक विशेष कमांडो टीम वैली क्यूएटी में आतंकवादियों से लोहा लेने के लिए सेलेक्ट हुए थे। उन्होंने इसी टीम में रहकर अब तक 80 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया है।