बिहार शिक्षा विभाग पुरानी व्यवस्था करेगी बहाल, अब अकाउंट में नहीं आएंगे पैसे
बिहार प्राथमिक शिक्षा विभाग द्वारा लिए गए नए फैसले के मुताबिक अगले सत्र से बच्चों को किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी और खाते में पैसा भेजने की व्यवस्था बंद की जाएगी। सरकार पुरानी व्यवस्था को बहाल करेगी। जानिए खबर।
दरअसल अब तक बिहार के सभी प्राइमरी विद्यालयों में छात्र छात्राओं को सत्र के पुस्तकों के पैसे अकाउंट में भेजे जाते थे। बच्चो द्वारा राशि को सीधे प्राप्त किया जाता था।
खाते में नहीं भेजी जाएगी पुस्तक क्रय की राशि
अब बिहार के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को नए सत्र से उनके खाते में पुस्तक क्रय की राशि नहीं भेजी जाएगी। इस व्यवस्था की जगह पांच-छह साल पुरानी व्यवस्था फिर से बहाल की जाएगी।
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खबर है कि 6 से 14 साल के बच्चों के अनिवार्य एवं मुफ्त शिक्षा कानून (आरटीई) के तहत एक बार फिर से राज्य सरकार निशुल्क किताबें उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वीकृति के बाद शिक्षा विभाग ने बच्चों तक पाठ्य-पुस्तक पहुंचाने की पुरानी व्यवस्था पर गंभीरता से काम आरंभ कर दिया है।
जल्द तय होंगे प्रकाशक
अब इसके बाद की प्रक्रिया प्रकाशक तय करने की है। उन्हें जल्द से जल्द किताबों बच्चो तक निशुल्क पहुंचने की जिम्मेवारी दी जाएगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के अनुसार एक सप्ताह के अंदर प्रकाशक चयन का टेंडर जारी किया जाएगा।
शिक्षा विभाग आने वाले सत्र यानी सत्र 2023-24 से 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों के तकरीबन डेढ़ करोड़ बच्चों को मुफ्त किताब उपलब्ध कराएगा। बच्चों को किताबों का सेट बनाकर अप्रैल के पहले हफ्ते में वितरण सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव की देखरेख में जारी होगा कैलेंडर
बिहार राज्य पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा तेजी से तैयारी की जा रही है। किताबों को छापने की जिम्मेदारी निजी प्रकाशक उठाएंगे। ये प्रकाशक कौन-कौन होंगे तथा किताब वितरण को लेकर कब क्या होगा, इसका पूरा कैलेंडर अपर मुख्य सचिव की देखरेख में पूरा होगा।
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