बिहार को मिला 600km का एक और एक्सप्रेसवे, इन 10 जिलों से होक गुजरेगी हाई स्पीड रोड
बिहार वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रदेश को एक और एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। नया एक्सप्रेस वे 600 किलोमीटर लंबा होगा। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे का बड़ा हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेस वे का 416 किलोमीटर हिस्सा उत्तरी बिहार के 10 जिलों से होकर गुजरेगा। अभी तक इस नए एक्सप्रेस वे का बजट निर्धारित नहीं हुआ है, लेकिन इस पर हजारों करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। दरअसल, केंद्र सरकार लगातार राज्यों के बीच कनेक्टिविटी को दुरुस्त करने की कोशिशों में जुटी है। इसी क्रम में बिहार को भी हाई स्पीड रोड के जरिये पड़ोसी राज्यों से जोड़ने की लगातार कवायद चल रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने नए एक्सप्रेस वे को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। तमाम तरह की औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का टेंडर जारी किए जाने की उम्मीद है। इसके निर्माण से बिहार वासियों के लिए उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जाना बेहद आसान हो जाएगा। बता दें कि उत्तरी बिहार को पड़ोसी प्रदेशों से जोड़ने के लिए अभी भी सड़कें हैं, लेकिन वे हाई स्पीड रोड नहीं हैं। ऐसे में पश्चिम बंगाल या फिर उत्तर प्रदेश जाने में काफी वक्त लग जाता है। एक्सप्रेस वे बन जाने से अपेक्षाकृत कम समय में दूरी की जा सकेगी।
बिहार के इन जिलों से होके गुजरेगा एक्सप्रेस वे
उत्तरी बिहार के लोगों को एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने वाली है। हजारों करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली हाई स्पीड रोड को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। गोरखपुर-सिलीगुड़ी प्रस्तावित एक्सप्रेस वे उत्तर बिहार के इन 10 जिलों से होकर गुजरेगा।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे गोपालगंज, सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया और किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगा। इससे बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बीच व्यापार-वाणिज्य को बढ़ावा मिलने की भी उम्मीद है।
600 किलोमीटर लंबा होगा ये एक्सप्रेस वे
बिहार के 10 जिलों से गुजरने वाला गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस वे तकरीबन 600 किलोमीटर लंबा होगा। इस एक्सप्रेस वे का अधिकांश हिस्सा बिहार में ही होगा। एक्सप्रेस वे का लगभग 416 किलोमीटर हिस्सा उत्तरी बिहार से होकर गुजरेगा।
माना जा रहा है, कि आने वाले समय में यह एक्सप्रेस वे उत्तर बिहार के लिए जीवनरेखा साबित होगा। एक्सप्रेस वेके बनने से तीनों प्रदेशों के बीच व्यापार और वाणिज्य को भी काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।