BPSC परीक्षा में तीसरे स्थान पर रहे अररिया के ब्रजेश, माँ ने बनाया टॉपर, IAS की तैयारी करने की है इच्छा

पति की असामयिक निधन के बाद डॉ. सुलोचना कुमारी टूटने की वजाय अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ी और फिर अपने लाडले को बना दिया बीपीएससी टॉपर। जी हां, 66वीं बीपीएससी की परीक्षा में थर्ड रैंक लाने वाला ब्रजेश कुमार इसी जीवट व संघर्षशील शिक्षिका का बेटा है। उन्हें असिस्टेंट कमीश्नर इन टैक्स बिहार मिला है।

खास बात यह कि ब्रजेश उर्फ सोनू ने यह उपलब्धि बिना किसी कोचिंग किये केवल सेल्फ स्टडी से हासिल किया है। ब्रजेश का बड़ा भाई सौरभ कुमार भी बीटेक कर पूना में इन्फोसिस कंपनी में कार्यरत हैं। जबकि छोटा भाई केशव नाथ झा बी कॉम कर आगे की सोच रहा है। फिलहाल ब्रजेश दिल्ली में है।

पूरा परिवार संघर्ष से आगे बढ़ा

अररिया सदर प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य सह माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका डॉ. सुलोचना ने बताया कि उनका पूरा परिवार संघर्ष से आगे बढ़ा है। वर्ष 2002 में पति मणीन्द्र नाथ झा के निधन के बाद उनके सामने अंधरा छा गया था, लेकिन वे बच्चों के साथ पटना चले गये। क्योंकि पढ़ाई को लेकर गांव का माहौल उतना अच्छा नहीं था।

वे बच्चों की पढ़ाई के साथ कोई समझौता करना नहीं चाहती थी। वहां उन्होंने प्राइवेट स्कूलों में शिक्षिका की नौकरी की लेकिन बच्चों को मन से पढ़ाया। बच्चों ने भी हमेशा साथ दिया। वे खुद पढ़ी ही अपने बच्चों को भी पढ़ाया।

Brajesh Kumar with his family, who got third rank in BPSC exam
बीपीएससी की परीक्षा में थर्ड रैंक लाने वाला ब्रजेश कुमार अपने परिवार के साथ

सुलोचना पीएचडी भी कर चुकी है। सौरभ के बाद ब्रजेश की सफलता से अभिभूत सुलोचना ने बताया कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। बता दें कि ब्रजेश का घर रानीगंज प्रखंड के परमानंदपुर गांव है। 27 फरवरी 2022 से सुलोचना सरकारी शिक्षिका हैं।

आईएएस बनकर देश की करना चाहते है सेवा

डॉ. सुलोचना देवी ने बताया कि उनका लाड़ला ब्रजेश पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहा है। जो ठान लेता था उसे पूरा करके ही दम लेता था। ब्रजेश उर्फ सोनू का लक्ष्य आईएएस बनकर देश की सेवा करने का है। बताया कि सहरसा के बापू बाल विद्यालय में प्रारंभिक शिक्षा पाई।

इसका बाद पटना दानापुर स्थित स्कूल ऑफ क्रिएटिव लर्निंग में 10वीं की पढ़ाई पूरी की। इसमें उसे 80 प्रतिशत अंक हासिल हुए। फिर ब्रजेश अररिया के सिकटी प्रखंड स्थित आरकेसीके कॉलेज बरदाहा से आईएससी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वर्ष 2014 में पटना से बीटेक व एनआईटी किया।

इसके बाद वह दिल्ली के एक कंपनी में नौकरी करने लगा। इस बीच लंबी छुट्टी लेकर वह पटना आ गया और यूपीएससी की तैयारी करने लगा था। मां की जिद पर ब्रजेश बीपीएसी में शामिल हुआ और थर्ड रैंक हासिल किया। वह प्रतिदिन दस घंटे सेल्फ स्टडी करता था।

उत्क्रमित मवि हड़ियाबाड़ा में जश्न का माहौल

गुरूवार को उत्क्रमित मवि हड़ियाबाड़ा में जश्न का माहौल दिखा। जैसे ही शिक्षिका डॉ. सुलोचना कुमारी विद्यालय पहुंची, प्रधाध्यापिका बीबी रूखसाना सहित अन्य सभी शिक्षक जश्न में डूब गये। हालांकि यह आयोजन छूट्टी के बाद हुई। इस दौरान मिठाईयां भी बांटी गई।

प्रधानाध्यापिका बीबी रूखसाना के साथ-साथ शिक्षक राजेन्द्र कुमार, प्रियंका, कुमारी विनिता, सुमैया फिरदौस, संगीता कुमारी, मो. शाहजहां, बीबी शमसुल जहां, बीबी नाजनीन नाज, मनीता रंजन, मो. शाजिदुर, नजमा निखत, एहशान, आशिष कुमार ने कहा कि ब्रजेश के प्रदर्शन से आज पूरा विद्यालय परिवार फूले नहीं समा रहा है। इन शिक्षकों ने बच्चों से ब्रजेश के संघर्षों पर चलने की बात कही।

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