अब बिहार में ‘चहक’ से चहकेंगे सरकारी स्कूल के विद्यार्थी, मनोरंजन के साथ मिलेगी शिक्षा
बिहार के सरकारी विद्यालयों में पहली कक्षा के बच्चों को अब संगीतमय तरीके से खेल-खेल में शिक्षा दी जाएगी। इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा चहक कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
जिसके तहत शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। SSA डीपीओ मो.जमाल ने बताया का कार्यक्रम तीन महीनों तक चलाया जायेगा। इससे 56885 बच्चे लाभांवित होंगे।
नई शिक्षा नीति के तहत चहक अभियान
दरअसल , बच्चे विद्यालय में उपस्थित होकर पढ़ाई में रुचि लें और विद्यालय में उनकी मुस्कुराहट बनी रहे ऐसे बातों का ख्याल रखते हुए बिहार शिक्षा परियोजना बेगूसराय के द्वारा जिले के सभी 18 प्रखंडों में इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया।
![chahak campaign under new education policy](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/09/chahak-campaign-under-new-education-policy.png)
इसके लिए जिले के सभी प्रखंडों में विद्यालय के प्रधानाध्यापकों एवं वर्ग प्रथम के नामित गुरूजी को गैर आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बताया जा रहा है इसके प्रशिक्षण में आए शिक्षकों को शरीरिक विकास और इसके बुनियादी ज्ञान, सामाजिक भावनात्मक विकास , पर्यावरणीय जागरूकता पर चर्चा, प्रदर्शन व समूह कार्य, प्रकृति के अनुसार हावभाव के साथ अन्य गतिविधियों पर प्रशिक्षित किया जा रहा है।
140 प्रकार की गतिविधियों से सीखेंगे बच्चे
![](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/09/Chahaks-mission-is-to-prepare-children-to-read-through-140-types-of-activities.png)
चेरियाबरियारपुर बीआरसी प्रशिक्षक बम बम कुमार ने बताया कि चहक का मिशन है, विद्यालय आने से पूर्व बच्चों को तैयार करना। यह कार्यक्रम 3 महीनों तक चलाया जाएगा। जिसके तहत 140 प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को पढ़ने के लिए तैयार करना है।
FLN आधारित एक मॉड्यूल है बुनियादी साक्षरता व संख्यात्मक ज्ञान
प्रशिक्षक रंजन कुमार ने बताया कि चहक कार्यक्रम बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान FLN आधारित एक मॉड्यूल है। जिसमें बच्चों के विद्यालय में सहज वातावरण बनाते हुए बच्चों को ठहराव प्रदान करना है।
बच्चे में भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक विकास जरूरी
![Emotional, mental and physical development of the child is essential](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/09/Emotional-mental-and-physical-development-of-the-child-is-essential.png)
कन्या मध्य विद्यालय मेहदा शाहपुर शिक्षिका झूमा कुमारी ने कहा कि ‘जब से जॉइन किया है, यह पहला प्रशिक्षण है। यहां बहुत कुछ सीखने को मिला। पहले हमको लगा हम प्रशिक्षित थे। हमको लगा कि हम बच्चे को पढ़ा लेंगे। लेकिन यहां प्रशिक्षण से हमें लगा बच्चे में भावनात्मक, मानसिक और शारीरिक विकास जरूरी है। अब बच्चे को बेहतर ढंग से शिक्षा दे पाएंगे।
![new upsc batch by perfection ias](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/09/new-upsc-batch-by-perfection-ias.jpg)