गाँधी मैदान में तिरंगा फहराकर CM नीतीश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 17वीं बार फहराया झंडा, जानिए
आज पूरा देश 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज पटना के गांधी मैदान में लगातार 17वीं बार झंडा फहराकर रिकॉर्ड बनाया। जानिए खबर।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पहले सबसे अधिक तिरंगा फहराने का रिकॉर्ड प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह के नाम था। उन्होंने कुल 14 बार गांधी मैदान में ध्वजारोहण किया था। श्रीकृष्ण सिंह ने 1946 से लेकर जनवरी 1961 तक बिहार के सीएम रहे।
सीएम नीतीश के नाम अनोखा रिकॉर्ड
श्रीकृष्ण सिंह के बाद सबसे अधिक दिनों तक सीएम की कुर्सी संभालने का रिकॉर्ड नीतीश कुमार के नाम ही है। पहली बार नीतीश कुमार 2000 में सिर्फ 7 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे। 24 नवंबर 2005 में फिर से वे फिर सत्ता में आए और मुख्यमंत्री का पद संभाला।
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वे 2013 तक वे लगातार मुख्यमंत्री रहे। हालाँकि नितीश कुमार ने 20 मई 2014 को जीतन राम मांझी को सीएम बनाया। पुनः 22 फरवरी 2015 में मांझी को सत्ता से बेदखल कर सीएम की कुर्सी नीतीश कुमार ने फिर से संभाल ली।
17वीं बार फहराया झंडा
2015 और 2020 के चुनाव में आवाम ने नितीश कुमार को अपना सीएम चुना जिसके बाद से वो लगातार बिहार के मुखिया के तौर पर काम कर रहे हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो 2005 से लेकर 2022 तक सीएम नीतीश 16 बार स्वतत्रंता दिवस पर झंडा फहरा चुके हैं।
![nitish kumar at gandhi maidan](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2023/08/nitish-kumar-at-gandhi-maidan.webp)
श्रीकृष्ण सिंह उर्फ़ श्रीबाबू 26 जनवरी 1950 से पहले, प्रीमियर या प्रधानमंत्री के रूप में राज्य की सत्ता संभाल रहे थे। जानकारी के लिए बता दें कि उस समय प्रीमियर का दर्जा मुख्यमंत्री के समकक्ष हुआ करता था।
श्रीकृष्ण सिंह आजाद भारत के पहले मुख्यमंत्री
श्रीकृष्ण सिंह आजाद भारत के पहले मुख्यमंत्री थे। श्रीकृष्ण सिंह ने 11 साल पांच दिन तक लगातार बिहार के मुख्यमंत्री रहे। बतौर प्रीमियर के कार्यकाल को भी जोड़ दें तो यह अवधि 14 साल 358 दिन की होती है।
![श्रीकृष्ण सिंह आजाद भारत के पहले मुख्यमंत्री](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2023/08/श्रीकृष्ण-सिंह-आजाद-भारत-के-पहले-मुख्यमंत्री.jpg)
श्रीबाबू के नाम से जाने जाने वाले श्रीकृष्ण सिंह 26 जनवरी 1950 से पहले, प्रीमियर या प्रधानमंत्री के रूप में राज्य की अगुवाई कर रहे थे। उस समय प्रीमियर का दर्जा मुख्यमंत्री के समकक्ष हुआ करता था।