बिहार के किसान इस तकनीक से अब हवा में उगाएंगे आलू, 10 गुना तक बढ़ेगा उत्पादन, जानिए कैसे
बिहार के कोसी क्षेत्र में आलू की खेती बड़े पैमाने पर होती है। लेकिन अब परंपरागत तरीक़े से हो रही आलू की खेती के बदले हवा में आलू की खेती होगी। अब बिहार में भी बिना जमीन और मिट्टी के, एरोपेनिक तकनीक से हवा में आलू की खेती से 10 गुणा अधिक पैदावार होगा।
दो दिन पहले हरियाणा के करनाल स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र से आलू की खेती की नई तकनीक का अध्ययन कर लौटी अगवानपुर कृषि अनुसंधान केंद्र के विज्ञानियों ने इसके लिए तैयारी प्रारंभ कर दी है।
![potato cultivation in the air by aeropenic technique in bihar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/potato-cultivation-in-the-air-by-aeropenic-technique-in-bihar.jpg)
3 महीने तक तोड़ा जा सकेगा पौधे से आलू
अन्य सब्जियों की तरह 3 महीने तक इस पौधे से आलू तोड़ा जा सकेगा। इससे इलाके के किसानों को काफी फायदा होगा। एरोपोनिक तकनीक से बिना मिट्टी और ज़मीन के आलू की खेती की जा सकती है। इस तकनीक के सहारे मिट्टी और ज़मीन दोनों की कमी पूरी की जा सकती है।
![Aeropenic technology can be broken for 3 months potato from the plant](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Aeropenic-technology-can-be-broken-for-3-months-potato-from-the-plant.jpg)
हरियाणा के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र द्वारा इस तकनीक का ईजाद किया गया है। इस तकनीक में थर्माेकाल प्लास्टिक आदि के सहयोग से आलू की हवा में खेती की जाएगी। इससे आलू के पैदवार में 10 गुणा बढ़ोतरी होगी, जिसे तीन महीने तक तोड़ा जा सकेगा।
सरकार ने दी मंजूरी
इसके लिए सरकार ने मंजूरी भी प्रदान कर दी है। एरोपेनिक तकनीक को तैयार करनेवाले विशेषज्ञों का कहना है कि, इस तकनीक में लटकती हुई जड़ों द्वारा पौधे को पोषण दिया जाता है। उसमें मिट्टी और ज़मीन की ज़रूरत नहीं होती है।
![No soil and land is required in aeropenic technique](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/No-soil-and-land-is-required-in-aeropenic-technique.jpg)
यह तकनीक पिछड़े कोसी क्षेत्र के किसानों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है। अगवानपुर कृषि अनुसंधान केंद्र इसके लिए बीज तैयार करने और खेती की रणनीति बना रहा है।
किसानों की आमदनी में होगी बढ़ोतरी
यह नया तकनीक परंपरागत खेती की तुलना में उनके लिए बहुत अधिक फायदेमंद हो सकता है। इस तकनीक के द्वारा आलू के बीज के उत्पादन की क्षमता को तीन से चार गुणा तक बढ़ाया जा सकता है।
![Aeropenic technology will increase the income of farmers](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Aeropenic-technology-will-increase-the-income-of-farmers.jpg)
इससे हरियाणा की तरह बिहार के स्थानीय किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी, और इलाके की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। – पंकज कुमार राय, कृषि विज्ञानी, कृषि अनुसंधान केंद्र अगवानपुर, सहरसा।