बिहार में नहीं बिकी मछली तो महिलाओं ने उसका बना डाला आचार, भाव 700 से 1200 रुपये किलो
ऐसा कहा जाता है की आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। यह बात एक बार फिर साबित कर दिखायी है बिहार के बगहा के एक छोटे से गांव के लोगों ने। जब गांव में मछलियां मरने लगीं और कोई खरीदार नहीं मिलने लगे तो इन्होंने ‘फिश पिकल’ यानी मछली का अचार बनाना शुरू कर दिया। छोटे से गांव की छोटी सी पहल आज मिसाल बन गई है। ‘फिश पिकल’ बिल्कुल नया था। पहली बार प्रयोग के तौर पर मझौवा की महिलाओं ने इसे बनाना शुरू किया, लेकिन आज ‘फिश पिकल’ से तकदीर बदलने लगी है।
आपको बता दें कि कोरोना काल में मछलियों की मांग घटी तो महिलाओं ने मछली का अचार तैयार करना शुरू कर दिया। तब से लेकर अब तक उत्पादन इतना बढ़ चुका है कि प्रति वर्ष ‘फिश पिकल’ की चार से पांच क्विंटल खपत हो रही है। कोरोना काल में शुरू हुआ कारोबार अब उद्योग का रूप लेने की ओर है। गौरतलब है कि इसकी शुरुआत मझौवा के रामसिंह प्रसाद ने की थी। कारोबार में राम सिंह ने जीविका की महिलाओं को समूह बनाकर जोड़ दिया। फिर क्या था व्यापार तेजी से बढ़ने लगा।
![If the fish is not sold in Bihar then the women made it their own conduct](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/05/If-the-fish-is-not-sold-in-Bihar-then-the-women-made-it-their-own-conduct.jpg)
700 से 1200 रुपये प्रति किलो मछली का आचार
अब बिहार के साथ यूपी से मछली के आचार के लिए खूब ऑर्डर मिल रहे हैं। अब तो पैकिंग के लिए भी महिलाओं ने ऑनलाइन सामग्री मंगाकर अभियान को आगे बढ़ा रही हैं। कोरोना काल में शुरू हुआ कारोबार अब उद्योग का रूप लेने की ओर है। घर में महिलाओं द्वारा तैयार फिश पिकल रोजगार देने लगा है। 700 से 1200 रुपये प्रति किलो मछली का आचार बेच कर समूह की महिलाएं मालामाल हो रही हैं।
![Pickle of fish at Rs 700 to 1200 per kg](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/05/Pickle-of-fish-at-Rs-700-to-1200-per-kg.jpg)
वहीँ प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जीविका समूह की पुष्पा अब महिलाओं के सहयोग से गांव की तस्वीर बदलने में लगी हैं। समूह की महिला पुष्पा देवी बताती हैं कि सरकार से अगर सहयोग मिल जाए तो मछली के अचार का कारोबार गांव-गांव में खोला जा सकता है।
ग्रामीण महिलाओं का सराहनीय कदम
![fish pickle](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/05/fish-pickle.png)
बगहा के एसडीएम दीपक मिश्र ने बताया कि मछली के अचार का उत्पादन निश्चित तौर पर ग्रामीण महिलाओं का सराहनीय कदम है। प्रशासन जो भी सहयोग होगा इस कारोबार को बढ़ाने के लिए जरूर करेगा। बिहार के साथ यूपी से मछली के आचार के लिए खूब ऑर्डर मिल रहे हैं। अब तो पैकिंग के लिए भी महिलाएं ऑनलाइन सामग्री मंगाकर अभियान को आगे बढ़ा रही हैं।