full profit from marigold flowers in purnea

बिहार के पूर्णिया में फूलों के खेती से हो रही फुल प्रॉफिट, सालाना कमा रहे लाखों रुपए

अगर आप बिहार के पूर्णिया जिला स्थित हरदा की ओर जाएंगे तो आपको पीले खेत देखने को मिलेंगे। इन पीले खेतों से किसानों को लाखों की आमदनी हो रही है। आप सोच रहे होंगे कि ये जरूर सरसों के खेत होंगे। लेकिन नहीं जनाब, खेतों में पसरे ये पीले रंग गेंदे के फूलों के हैं। यहां के कुछ किसानों ने परंपरागत खेती छोड़कर फूलों की खेती शुरू की। अब इनकी इनकम 6 लाख सालाना होती है। ये किसान गेंदा फूल की खेती पर सालों भर निर्भर रहते हैं।

पूर्णिया के गुड मिल्की के किसान महादेव ने बताया कि बीते 10 वर्षों से गेंदा फूल की खेती कर रहा हूं। हर वर्ष 5-6 बीघे में खेती करता हूं। लाखों का मुनाफा होता है। महादेव ने कहा कि जब फूलों की खेती करनी शुरू की तो बहुत दिक्कतें झेलनी पड़ीं। पहली बार कम जानकारी के अभाव में नुकसान हुआ।

पर फिर इसकी जानकारी जुटाई और संघर्ष करते हुए फूलों की खेती सीख ली। इसके बाद मुनाफा भी ‌होने लगा। उन्होंने कहा कि उन्हें देखकर बहुत से किसानों ने अन्य फसलें छोड़कर गेंदा फूल की खेती करनी शुरू कर दी है।

बंगाल से लाते हैं गेंदे के पौधे

Farmer Mahadev told that the income from the cultivation of marigold flower is 6 lakhs annually
किसान महादेव ने बताया कि गेंदा फूल की खेती से इनकम 6 लाख सालाना होती है

किसान बिदु चंद्र दास ने बताया कि फूल की खेती के लिए पौधा बंगाल से लाया जाता है। पौधे को लगाने के बाद गेंदा फूल लगभग 2 से 2.5 महीने में निकलना शुरू हो जाता है। इसके बाद यह बिकने के लिए तैयार है। गेंदे के फूल की खेती साल में दो बार की जाती है।

फूल के लिए भी बनाने पड़ते हैं खेत

किसान महादेव ने बताया कि गेंदा फूल की खेती के लिए खेत को ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। गेंदा फूल की खेती बहुत आसान है। गेंदा फूल के पौधे उसी तरह लगाते हैं, जैसे अन्य सामान्य फसलों के।

इसके लिए खेत तैयार भी अन्य फसलों की तरह होता है। इसमें प्राकृतिक और वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर ज्यादा उपज ले सकते हैं। ज्यादा कुछ विशेष जानकारी के लिए आप सीधा मिलकर संपर्क कर सकते हैं।

एक कट्ठे में 500 रुपया लागत, प्रॉफिट 7.5 हजार

किसान ने बताया कि फूल की खेती करने लिए आपको प्रति कट्ठा 500 रुपया की लागत आएगी। पर मुनाफा 7.5 हजार होगा। 500 रुपए फूल के पौधे और खाद में लगते हैं। एक कट्ठा में 150 कुड़ी बनता है।

एक कुड़ी से एक माला बनता है। प्रत्येक माला मार्केट में 15 रुपया के हिसाब से बिकता है। इस हिसाब से 150 कुड़ी का 7500 हजार मिलता है।

कोसी-सीमांचल सहित दरभंगा में है इसका मार्केट

महादेव ने बताया कि ऑफ सीजन में 50 केजी और सीजन में यह डबल हो जाता है। पूर्णिया का फूल दरभंगा, समस्तीपुर सहित मधेपुरा, सहरसा, कटिहार, अररिया, पूर्णिया जिला भी जाता है। व्यापारी हमें ऑर्डर देते हैं हम उनको सप्लाई कर देते हैं। जो फोन पर ऑर्डर देना चाहते हैं वे 8252720816 नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

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