बिहार के आपका बुक बैंक से मुफ्त में ले जाइये किताबें, जाने 6 छात्रों की इस अनूठी पहल के बारे में
बिहार के समस्तीपुर स्थित विभूतिपुर में 6 छात्रों ने शुरू किया है यह आपका बुक बैंक। गांव के जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को निशुल्क किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस पहल में अब समाज के कई वर्ग के लोग भी शामिल होने लगे हैं। तमाम नकारात्मक स्थितियों के बावजूद समाज के चंद लोग इसे बेहतर बनाने की दिशा में पहल कर रहे हैं।
बिहार के समस्तीपुर में भी कुछ इसी तरह का काम छह युवाओं ने शुरू किया था। आज यह आंदोलन का रूप बनता जा रहा है। ज्ञान की रोशनी को सबके लिए सुलभ बनाने का आंदोलन। इसी मिशन के तहत इन युवाओं ने एक अनूठा बैंक तैयार किया है। जहां से जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को फ्री में किताबें दी जा रही हैं।
![6 students have started their own book bank in Vibhutipur Samastipur](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/6-students-have-started-their-own-book-bank-in-Vibhutipur-Samastipur.jpg)
अन्य लोगों को इसकी जानकारी होने के बाद अब समाज के सभी हिस्से के लोग इस मिशन से जुड़ रहे हैं। वे मदद कर रहे हैं तथा प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को पढ़ने और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
बहुत खास है आपका बुक बैंक
यह आपका बुक बैंक…जरूरत है तो ले जाएं, ज्यादा हो तो दे जाएं…। न कोई शुल्क न ही सात दिनों में लौटाने की चिंता। समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर स्थित नरहन में वर्ष 2019 में 30 से 35 पुस्तकों के साथ शुरू हुआ सफर 1500 तक पहुंच चुका है।
![Very special Apna Book Bank](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Very-special-Apna-Book-Bank.jpg)
छह छात्रों की पहल पर स्थापित ‘आपका बुक बैंक : हेल्पर्स आफ निडी पर्सन‘ वैसे छात्र-छात्राओं के लिए मददगार साबित हो रहा जो पैसे के अभाव में गांवों में स्कूल-कालेज में पढऩे के साथ विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी करते हैं।
अब लोग किताबें बेचते नहीं, बुक बैंक को दे देते
बुक बैंक शुरू करने वाले पांडव कुमार, नीतेश और कन्हैया कुमार बताते हैं कि सबसे पहले खुद की किताबों को सहेजकर इस इसकी शुरुआत की गई। ये खुद विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। विभूतिपुर में दीवान बहादुर कामेश्वर नारायण महाविद्यालय के पास एक छोटे कमरे में पुस्तकों को सहेजने लगे। कालेज के छात्रों से संपर्क कर पुस्तक दान की अपील की।
![Now people do not sell books they give their book to apna bank](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Now-people-do-not-sell-books-they-give-their-book-to-apna-bank.png)
शहर में रहकर तैयारी करने वाले गांव के छात्रों ने भी पुरानी पुस्तकें उपलब्ध कराईं। बीते दो वर्षों में पुस्तकों की संख्या अच्छी-खासी हो गई। अब तो आसपास के वैसे छात्र जो नौकरी लगने या पिछली कक्षा पास कर पुस्तकों को बेच देते थे, वे बुक बैंक को पहुंचा देते हैं। अभी हर रोज चार से पांच छात्र पुस्तक लेने पहुंचते हैं।
फटी पुस्तकों की कराते है मरम्मत
पांडव बताते हैं कि दान में मिलने वाली पुरानी और फटी पुस्तकों की मरम्मत कराते हैं। यहां पुस्तक लेने के लिए छात्रों को नाम, पता, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर दर्ज करना पड़ता है। पुस्तक कितने दिन के लिए चाहिए, इसे भी नोट कराना होता है।
![there are 1500 books in apna book bank bihar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/there-are-1500-books-in-apna-book-bank-bihar.jpg)
यहां 45 दिनों की समय-सीमा है। अभी तकरीबन 900 पुस्तकें बुक बैंक में हैं, जबकि 600 छात्रों के पास हैं। इनमें विभिन्न कक्षाओं, सामान्य ज्ञान, मैथ्स, रीजनिंग, सामान्य इतिहास और विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी से जुड़ी पुस्तकें हैं।
मिल रही सराहना, सहयोग को आगे आ रहे लोग
शिक्षाविद् डा. राजू राय, प्रो. ललन मिश्र, शोभाकांत राय बताते हैं कि यह सकारात्मक पहल है। बीएसएफ जवान टुनटुन राय, राजन भारद्वाज, गंगा सिंघानिया, पवन कुमार जैसे कुछ लोग व्यवस्था बनाए रखने के लिए आर्थिक मदद भी करते हैं।
![book donation appeal for apna book bank](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/book-donation-appeal-for-apna-book-bank.jpg)