बिहार का सुनार देखते ही हो गया दंग, किस खजाने के है ये दुर्लभ सोने के सिक्के?
बिहार के अररिया जिले में सुनार के पास सोने के सिक्के लेकर पहुंचा युवक सवाल जवाब होते ही फरार हो निकला। वहीं सिक्कों को देखकर सुनार दंग रह गया। ये इतने पुराने और पौराणिक हैं कि इनकी कीमत आंकना उसके बस की बात नहीं थी। तस्वीर में दिख रहे ये सोने के सिक्के 1818 के हैं और बिहार के अररिया जिले से रोचक तरीके से प्राप्त हुए हैं।
एक सुनार के यहां ये सिक्के बेचने पहुंचे युवक ने जैसे ही उसे ये दिखाए, वो सकते में पड़ गया। इससे पहले स्वर्ण व्यवसायी ने इस तरह के सिक्के नहीं देखे थे। सोने के सिक्के (Gold Coins) को देख ऐसा लग रहा है मानों कि वे किसी खजाने के हो और इसकी पौराणिकता भी प्रतीत हो रही है।
9 पौराणिक सिक्के जब्त
मामला शहर के नवरत्न चौक के समीप का है। यहां से पुलिस ने 9 पौराणिक सिक्के मंगलवार की शाम जब्त किए हैं। एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने बताया कि एक युवक नवरत्न चौक के समीप एक स्वर्ण व्यवसायी के यहां एक युवक सिक्का बेचने पहुंचा। व्यवसायी ने पुराना सिक्का देखकर, जब उससे पूछताछ की, तो युवक वहां से सिक्का छोड़ कर भाग गया। व्यवसायी ने इस मामले की जानकारी उन्हें दी।
दुर्लभ सिक्कों पर राम, लक्ष्मण सीता व हनुमान का चित्र
उन्होंने बताया कि सिक्का जब्त कर लिया गया है। सिक्के में 1818 लिखा हुआ है। लेकिन सिक्के की जांच के लिए पुरातत्व विभाग को भेजा जाएगा। इसके बाद ही स्पष्ट होगा कि यह कब का सिक्का है। किसी सिक्के में राम, लक्ष्मण सीता व हनुमान का चित्र है, तो किसी में सिर्फ हनुमान का चित्र अंकित है। उन्होंने बताया कि पुलिस पता लगा रही है बेचने पहुंचा युवक कौन था और वह सिक्का कहां से लाया है।
जब इन सिक्कों के बारे में विशेषज्ञों से पता किया गया तो जानकारी मिली कि 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा इस तरह के सिक्के जारी किए गए थे। ये दुर्लभ सिक्के हैं।
महावीर मंदिर की दान पेटी में भी मिल चुके ऐसे सिक्के
बता दें कि इससे पहले इसी तरह के सिक्के पटना के महावीर मंदिर की दान पेटी में मिले थे। उस समय भी हड़कंप मच गया था। पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव ने खुलासा करते हुए कहा था कि यह मंदिर ईस्ट इंडिया कंपनी की आधी जमीन पर बना है। किशोर कुणाल ने आगे बताया था कि 1948 में इस जमीन की रजिस्ट्री की गई थी।
हम इतिहास के स्टूडेंट है पहले हम लोग जानते थे कि अकबर ने राम-सिया सिक्के चलाए थे। अकबर द्वारा जारी यह सिक्का तीन जगह है। अभी भी बनारस आर्ट म्यूजियम, दूसरा फ्रांस में तीसरा जर्मनी या लंदन में है।