बिहार के 19 वर्षीय ऋतुराज को Google ने रिसर्चर लिस्ट में किया शामिल, अवार्ड भी देगा, जाने कारण
बिहार के रहने वाले एक इंजीनियरिंग छात्र ने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन GOOGLE में गलती ढूंढ निकली है, जिसे गूगल ने मान लिया है। कंपनी ने बिहारी बॉय ऋतुराज (19) की प्रतिभा का लोहा माना है। साथ ही गलती को अपने रिसर्च में भी शामिल किया है।
गूगल की सिक्योरिटी में कमी निकालने वाले बेगूसराय के ऋतुराज चौधरी को अब कंपनी की ओर से अवार्ड भी दिया जाएगा। ऋतुराज का कहना है कि वो साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में ही बेहतर करियर बनाना चाहते हैं।
![bihari boy rituraj](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/bihari-boy-rituraj.jpg)
मणिपुर से B.Tech की पढ़ाई कर रहे हैं ऋतुराज
बिहार के ऋतुराज बेगूसराय के मुंगेली गंज में रहते हैं। वह फिलहाल IIIT मणिपुर से B.Tech सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पिता राकेश चौधरी ज्वैलर हैं। ऋतुराज ने गूगल में बग (दोष, कमी) ढूंढा है। इसके बाद उन्होंने गूगल ‘बग हंटर साइट‘ के लिए इसकी जानकारी मेल करके दी।
![Rituraj is pursuing B.Tech from Manipur](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Rituraj-is-pursuing-B.Tech-from-Manipur.jpeg)
इसके कुछ दिनों बाद गूगल की ओर से उन्हें मेल आया। इस मेल में कंपनी ने अपने सिस्टम की कमी को स्वीकार किया और ऋतुराज को शुक्रिया कहा। साथ ही उस कमी पर काम करने के लिए उसे अपनी रिसर्च लिस्ट में शामिल करने की जानकारी भी दी। गूगल ने ऋतुराज को अपनी रिसर्चर लिस्ट में भी शामिल किया है।
![Rituraj got mail from Google](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Rituraj-got-mail-from-Google.jpg)
गूगल की ओर से मिलेगा इनाम
गूगल अक्सर अपने सर्च इंजन में कमी ढूंढने वालों को इनाम देता है। ऐसे में दुनियाभर के कई बग हंटर इन कमियों को ढूंढते हैं। ऋतुराज की इस कामयाबी पर कंपनी की ओर से उन्हें भी इनाम दिया जाएगा। ऋतुराज की यह खोज इस वक्त P-2 फेस में चल रही है। जैसे ही यह P-0 फेस में आ जाएगी तो ऋतुराज को पैसे मिल जाएंगे।
![Rituraj with his parents](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Rituraj-with-his-parents.jpeg)
देश-विदेश से कई रिसर्चर बग हंट पर काम करते हैं। हर बग हंटर P-5 से अपनी शुरुआत करता है। उन्हें P-0 के लेवल तक पहुंचना होता है।
गूगल खुद देता है कमियां ढूंढने का न्योता
ऋतुराज ने बताया – कोई बग हंटर अगर P-2 के लेवल से ऊपर जाता है तो उस बग को गूगल की टीम अपनी रिसर्च में शामिल करती है ताकि वह P-2 से P-0 तक पहुंच पाए। अगर गूगल इस तरह की खामियां नहीं हटाएगा तो कई तरह के ब्लैकहेट हैकर्स उसका सिस्टम हैक कर जरूरी डेटा को लीक कर सकते हैं।
इससे कंपनी को बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे में गूगल या अन्य कंपनियां खुद ही अनेकों बग हंटर्स को ‘बग हंटर साइट‘ के जरिए न्योता देती हैं कि वह आगे आकर गलतियां खोजें और गलती निकलने पर कंपनी की ओर से इनाम भी दिया जाता है।
पहले पढ़ाई-लिखाई में नहीं लगता था मन
ऋतुराज की इस कामयाबी पर पूरा गांव काफी खुश है। उनके घर बधाई देने वाले दोस्तों और रिश्तेदारों की लाइन लगी है। ऋतुराज के घरवालों ने कहा- वो बचपन से ही चंचल था और उसकी दिलचस्पी पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं थी। उसे पढ़ने के लिए कोटा भेजा था। वहां भी वो 2 सालों तक कामयाब नहीं हो पाया, लेकिन अब उसकी इस कामयाबी ने हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।