ग्रेजुएट चाय वाली प्रियंका ने बताई अपनी बिज़नेस प्लानिंग, अब अपनी दूकान का करेंगी विस्तार
बिहार की ‘ग्रैजुएट चाय वाली’ इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है। एमबीए चाय वाले से प्रेरित पटना के विमेंस कॉलेज के बाहर चाय का स्टॉल लगा रही प्रियंका गुप्ता के पास रोजाना सैकड़ों लोग चाय पीने पहुंच रहे हैं। या यूं कहें चाय के बहाने वो प्रियंका से मिलने और उसके जज्बे को सलाम करने पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में जब मीडिया की टीम प्रियंका के टी-स्टाल के पास पहुंची और ये जानने का प्रयास किया बनारस यूनिवर्सिटी से डिग्री हासिल करने के बावजूद नौकरी के बदले वो इस पेशे में कैसे आ गईं।
प्रियंका गुप्ता ने बताया कि वो ग्रेजुएट हैं। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी जब कहीं नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने स्टार्टअप (Startup) शुरू करते हुए चाय बेचने का फैसला लिया। प्रियंका कहती है कि जब उन्हें नौकरी नहीं मिली तो उनकी नजर मैनेजमेंट कर चाय बेचने वाले प्रफुल्ल बिलौर के एक वीडियो पर गई। प्रियंका को लगा कि जब एमबीए (MBA) की पढ़ाई कर के कोई चाय वाला बन सकता है तो वो ग्रेजुएशन कर के चाय वाली क्यों नहीं बन सकती? इसके बाद प्रियंका ने अपने दोस्तों की मदद से पटना (Patna) में चाय का स्टाल लगा कर स्टार्टअप किया।
मजबूरी के कारण नहीं बेच रही चाय
प्रियंका ने मीडिया को बताया कि वो किसी मजबूरी के कारण इस पेशे से नहीं जुड़ी हैं। वो एक संपन्न फैमली से आती हैं। उनके परिजन बिजनेस मैन हैं, इसलिए उन्होंने भी ऐसा करना का सोचा। उन्होंने बताया कि प्रॉपर रिसर्च के बाद उन्होंने इस काम की शुरुआत की है।
वे महिला कॉलेज की छात्राओं के साथ उनका मन जानने के लिए बैठती थीं। ऐसा करने के बाद जब उन्हें लगा कि चाय की दुकान खोलने के लिए ये जगह सही है। तब उन्होंने ये कदम उठाया।
नौकरी क्यों नहीं की? इस सवाल का जवाब देते हुए प्रियंका ने बताया कि सभी नौकरी ही करेंगे तो व्यापार कौन करेगा? भारत में बाहर से लोग आकर व्यापार कर रहे हैं, तो वो युवा होकर ऐसा क्यों नहीं कर सकती हैं। वो अगर नौकरी करतीं तो केवल वो अकेले रोजगार करती।
लेकिन उन्होंने जो काम शुरू किया है, उससे वो रोजगार जनरेट करेंगी। उनका मानना है कि सरकार चाहे कितनी नौकरियां उत्पन्न कर ले, युवाओं की डिमांड पूरी नहीं हो पाएगी। ऐसे में जरूरी है कि वो खुद ऐसे इनीशिएटिव लें कि वो खुद भी रोजगार करें और लोगों को भी रोजगार दें।
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ग्रेजुएट चाय वाली के फ्यूचर का है ये प्लान
उन्हें ये आईडिया कैसे आया? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर बनने को कहा था, यही बात उन्हें जंच गई और वो उसी राह पर निकल पड़ीं। फ्यूचर प्लानिंग के संबंध में प्रियंका ने कहा कि वो पूरे देश में अपने चेन को बढ़ाएंगी।
साथ ही आने वाले दिनों में वो एक प्रोफेशनल चाय बनाने वाला रखेंगी। ताकि लोगों को बेहतर चाय मिल सके। वहीं, कई लोग अब भी फ्रेंचाइजी के लिए उनके संपर्क हैं, जिन्हें वो एक महीने बाद फ्रेंचाइजी देंगी।
वहीं, प्रियंका की दुकान पर उनके स्ट्रगल को देखने पहुंचे व्यवसायी दंपति ने कहा कि ये बिहार और केंद्र सरकार की विफलता है। एक पढ़ी लिखी लड़की जो एक बेहतर जॉब डिजर्व करती है, वो चाय बेच रही है। ये कहीं ना कहीं सही नहीं है।
रोड पर उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। उसकी सुरक्षा के लिए यहां कौन है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना चाहिए।
इधर, दुकान पर चाय पीने आए अन्य लोगों ने कहा कि चाय तो एक बहाना है, हम तो यहां प्रियंका की हौसला अफजाई के लिए आते हैं। लड़की होकर उन्होंने जो कदम उठाया है, वो बांकी लड़के और लड़कियों के लिए प्रेरणा है।
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मदद के लिए आगे आ रहे लोग
24 वर्षीय प्रियंका ने कहा कि अच्छा लग रहा है कि लोग उसकी मदद के लिए सामने आ रहे हैं। लेकिन उसने यह भी कहा कि वो मदद लेंगी। मगर धीरे-धीरे कर के वो उनके पैसे चुका देंगी।
आपको बता दे की पूर्णिया की रहने वाली प्रियंका गुप्ता के यहां चाय पीने वालों की लाइन लगी रहती है। चाय के शौकीनों का कहना है कि यहां बहुत अच्छी और स्वाद वाली चाय मिलती है। प्रियंका के पास कई तरह की चाय है जिसके दाम 10 से लेकर 30 रुपये तक हैं।
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