Helicopter service will start between these 5 cities of Bihar

बिहार के इन 5 शहरों के बीच शुरू होगी हेलीकाप्टर सेवा, एशियन डेवलपमेंट बैंक करेगा सहयोग

देश-विदेश के पर्यटकों के बौद्ध सर्किट से जुड़े स्थलों तक पहुंचने की सुविधा के मद्देनजर इन्हें हवाई मार्ग से भी जोड़ा जाएगा। उड़ान सेवा के तहत वैशाली को हेलीकाप्टर सेवा से जोडऩे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गया हवाई अड्डे को भी विस्तार दिया जाएगा। पर्यटन मंत्रालय की पहल पर एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) इसमें आर्थिक व तकनीकी सहयोग करेगा।

नेशनल हेलीकाप्टर सेवा से बिहार के वैशाली, पटना, गया, राजगीर एवं बोधगया के साथ ही यूपी के वाराणसी और कुशीनगर को भी जोड़ा जाना है। एडीबी के सुझाव एवं उसकी कार्ययोजना के मद्देनजर राज्य सरकार के कई विभागों, एजेंसियों एवं संबंधित जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) के साथ बीते 13 जनवरी को विकास आयुक्त विमर्श कर चुके हैं।

Helicopter service will start in Bihar
बिहार में शुरू होगी हेलीकाप्टर सेवा

नेशनल लेवल के हेलीपैड एवं अन्य निर्माण पर चर्चा

यह सरकार के रिवाइवल आफ इंडिया एज ए ग्लोबल सेंटर आफ बुद्धिस्ट कल्चर एंड टूरिज्म एजेंडे का हिस्सा है। एक और बैठक के बाद केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। एडीबी के कंट्री डायरेक्टर ने मुख्य सचिव से बैठक आयोजित करने का आग्रह किया है।

Discussion on national level helipad and other construction
नेशनल लेवल के हेलीपैड एवं अन्य निर्माण पर चर्चा

बैठक में वैशाली, पटना, गया और नालंदा जिलों के अलावा मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण एवं भागलपुर के डीएम शामिल किए जाएंगे। वैशाली के डीएम ने बताया कि वैशाली के बौद्ध सर्किट में शामिल रहने से यहां नेशनल लेवल के हेलीपैड एवं अन्य निर्माण पर चर्चा हुई है।

वैशाली में बन रहा राष्ट्रीय बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय

National Buddha Samyak Darshan Museum being built in Vaishali
वैशाली में बन रहा राष्ट्रीय बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय

भगवान बुद्ध की कर्मस्थली तथा उनके अस्थि अवशेष प्राप्ति स्थल वैशाली में करीब 550 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय का निर्माण हो रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन ने 72 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है।

राष्ट्रीय स्तर के निर्माणाधीन संग्रहालय में भगवान बुद्ध का अस्थि कलश आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा जाएगा। इसके साथ ही उनसे जुड़ी अनेक प्राचीनतम वस्तुएं भी रखी जाएंगी। आडिटोरियम और ध्यान केंद्र के साथ ही समृद्ध संग्रहालय में पुरातात्विक उत्खनन से प्राप्त वस्तुओं को भी प्रदर्शित किए जाने की योजना है।

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