Jhanjharpur Laukaha Rail Section Is In The Final Phase

बिहार में एक और रेलखंड का काम अंतिम चरण में, जानिए कब से शुरू होगा ट्रेनों का परिचालन

बिहार में एक और रेलखं का काम अपने अंतिम चरण में है। जल्द ही इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन भी शुरू हो जायेगा। इससे आम लोगो को आने जाने में काफी सहूलियत होगी।झंझारपुर-लौकहा बड़ी रेल लाइन निर्माण कछुआ गति से चल रहा है। अभी तक इस रेल खंड में स्टेशन व हाल्ट का निर्माण भी पूरा नहीं हुआ है।

अधिकारीयों के अनुसार इस रेलखंड के झंझारपुर से महरैल स्टेशन तक अगस्त तक रेल परिचालन शुरू होने की संभावना है। झंझारपुर से महरैल की दूरी सात किलोमीटर की है। जिसमें अभी तक 4 किलोमीटर में ही पटरी बिछाया गया है।

Jhanjharpur-Laukaha big rail line construction
झंझारपुर-लौकहा बड़ी रेल लाइन निर्माण

13 पुल अभी भी बांकी

गौरतलब है कि झंझारपुर से लौकहा की दूरी 43 किलोमीटर है। जिसमें 64 छोटा पुल एवं 7 बड़ा पुल का निर्माण कराया जाना है। लेकिन अभी तक 51 पुल का ही निर्माण पूरा हो सका है। 13 पुल अभी भी बांकी है। वहीं 7 बड़ा पुल में से 4 पुल का निर्माण कराया गया है। इसके अलावे 5 स्टेशन व 3 हाल्ट का भी निर्माण होना है।

Jhanjharpur to Laukaha distance 43 kms
झंझारपुर से लौकहा की दूरी 43 किलोमीटर

26 मई 2017 को ही मेगा ब्लाक किया गया था

झंझारपुर लौकहा रेल खंड में झंझारपुर बाजार हाल्ट, महरैल, चंदेश्वर हाल्ट, वाचस्पति नगर, बरहारा, खुटौना, लौकहा सहित आठ स्टेशन और हाल्ट हैं। इस रेल खंड को बड़ी रेल लाइन में बदलने की घोषणा 17 वर्ष पूर्व की गयी थी।

Jhanjharpur laukha rail section
झंझारपुर लौकहा रेल खंड

जिसको लेकर दो-दो बार शिलान्यास भी किया है। आमान परिवर्तन को लेकर मध्य पूर्व रेलवे ने 26 मई 2017 को ही मेगा ब्लाक किया गया था। झंझारपुर- निर्मली-लौकहा अमान परिवर्तन कार्य के लिए 622 करोड़ आवंटित है।

निर्माण कार्य अब भी आधा अधूरा

स्टेशन भवन सहित सभी आवश्यक निर्माण अभी भी अधूरा पड़ा है। रेल पटरियां भी पूरा नहीं बिछाया गया है। लोगों का अनुमान है कि अगर रेलवे प्रबंधन के काम की यही रफ्तार रही तो ट्रैक चालू होने में कम से कम एक साल और लग सकता है।

इलाके के सैकड़ों लोगो को कई महत्पूर्ण कार्यों के साथ साथ कोर्ट कहचरी के कार्यों के लिये झंझारपुर, दरभंगा और मधुबनी आना जाना पड़ता है। मेगा ब्लॉक के बाद उन लोगों पर यात्रा खर्च का बोझ बढ़ गया है। रेल विभाग के इंजीनियर प्रमोद कुमार ने बताया कि जल्द ही परिचालन प्रारंभ होगा।

क्या कहते हैं लोग?

अरविंद कुमार झा ने बताया कि बड़ी रेल लाइन सेवा के लिए आंखें पथरा गई है। अमान परिवर्तन कार्य के कारण सड़क जाम रहता है। नारायण झा ने कहा कि बड़ी रेल लाइन से बड़े शहर जाने का सपना सपना बनकर रह गया है। ऐसा अभी तक संभव नहीं हो पाया है।

जिस कारण स्थानीय लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल रहा हैं। मनोज कुमार ने कहा है कि रेल सेवा शरू होने से नेपाल आने जाने में आसान हो जाती। लेकिन रेल विभाग के अधिकारी के उदासीनता के कारण ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।

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