Jyoti from bihar selected in ISRO

गर्व का क्षण: बिहार की ज्योति का ISRO में चयन, देशभर में मिला तीसरा स्थान

लड़कियों में आज प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। आज वो हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी दर्ज करवा रही है। चाहे वो विज्ञान हो व्यापार, अंतरिक्ष, खेल, या राजनीति हो हर क्षेत्र में लड़कियां नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। यहां तक की आज वो बॉडर पर भी खड़ी हैं। आज जहां – जहां लड़कियों ने हाथ आजमाया है उसे कामयाबी ही मिली है।

अब तो ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां आज की लड़कियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज न कराई हो। आज देश की प्रगति के लिए वो लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है और देश की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों में अपनी अहम भूमिका निभा रही हैं। इसी कड़ी में आज हमारे देश की एक और लड़की ने देश का नाम रौशन किया है।

भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की स्टूडेंट ज्योति

ज्योति भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज की स्टूडेंट हैं, जिनका चयन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में कंप्यूटर वैज्ञानिक के रूप में हुआ है। वह मुजफ्फरपुर के कलमबाग चाैक इलाके की रहने वाली है। ज्योति 2015 से 2019 में कंप्यूटर साइंस की स्टूडेंट रही है।

एंट्रेंस एक्जाम में मिला तीसरा रैंक

ज्योति के पिता का राजीव रंजन (Rajiv Ranjan) एक प्रोफ़ेसर है। ज्योति फिलहाल कोल इंडिया रांची में एक्जीक्यूटिव है। ज्योति ने बताया कि उन्होंने इसरो में वैज्ञानिक के लिए एंट्रेंस एक्जाम दिया था जिसका इंटरव्यू इसी साल 16 मार्च को हुआ और उन्हें पूरे देश भर में तीसरा स्थान मिला है।

साइंटिस्ट बनने का सपना था

ज्योति का सपना था की वह साइंटिस्ट बने। भागलपुर इंजीनियरिंग काॅलेज से कंप्यूटर साइंस की डिग्री लेने के बाद ज्योति के कई क्लासमेट प्राइवेट कंपनियों में काम करने लगे। लेकिन ज्योति गवर्नमेंट सेक्टर में काम करना चाहती थी। जिस कोशिश में ज्योति को कई असफलता का सामना करना पड़ा।

अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ESRO) में चयन

लेकिन कहते हैं न जो असफलता से हारते नहीं वो एक दिन अपने मंजिल तक पहुंच अपने सपने को पूरा कर हीं लेते हैं। ज्योति ने भी अपने कोशिश को जारी रखा और ज्योति को सफलता भी मिली। पहले कॉल इंडिया, फिर नेशनल इंफोर्मेटिक सेंटर में आईटी प्रोफेशनल के लिए ज्योति का चयन हुआ

ज्योति ने नेशनल इंफोर्मेटिक में नौकरी करते हुए अपने वैज्ञानिक बनने का सपना पूरा किया। वह उसके लिए भी कड़ी मेहनत करती थी और वैज्ञानिक बनने के लिए भी तैयारी करती रही। आखिरकार ज्योति की कड़ी मेहनत और लगन रंग लाई। जिसकी सबसे बड़ी सफलता (ISRO) जैसी संस्था में कम्प्यूटर साइंटिस्ट बनने से मिला

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