मजदुर की बेटी कृष्णा पैर से लिखने में है माहिर, हादसे में गवांये हाथ, बनना चाहती है IAS
कहते हैं कि मन में कुछ करने की ललक हो तो बड़ी से बड़ी बाधा छोटी हो जाती है। कुछ ऐसा ही बुलंद हौसला है खगड़िया की कृष्णा का। महज 10 साल की उम्र में एक हादसे ने उसके दोनों हाथ छीन लिए, लेकिन कृष्णा ने हार नहीं मानी। आज वो अपने पैरों से हाथों की तरह काम करती है।
कृष्णा पैर से कलम पकड़ कर बखूबी लिखती है। पढ़ाई में अव्वल रहने वाली कृष्णा बड़ी होकर IAS बनना चाहती है। खगड़िया के अलौली प्रखंड स्थित रामपुर गांव निवासी भूपेंद्र यादव की 17 वर्षीय बेटी कृष्णा कुमारी एक हादसा में अपने दोनों हाथ गंवा बैठी थी।
10 वर्ष की उम्र में गंवाए दोनों हाथ
कृष्णा कुमारी के दोनों हाथ नहीं हैं। फिर भी पढ़ाई में वह अव्वल है। उनकी माता क्रांति देवी ने बताया कि उन्हें 4 बेटी और 4 बेटे है। मां ने बताया कि जब कृष्णा 10 वर्ष की थी, तब एक बिजली की तार की चपेट में आने से उसके दोनों हाथ काटने पड़े थे।
![Krishna Kumari lost both hands at the age of 10](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/04/Krishna-Kumari-lost-both-hands-at-the-age-of-10.jpg)
आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण उन्होंने सभी बच्चों को नहीं पढ़ाया, लेकिन कृष्णा के आगे उन्होंने गरीबी नहीं देखी। कृष्णा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी हमेशा परीक्षा में अव्वल रही है। बता दें कि कृष्णा अभी नौवीं की छात्रा है। अपनी बेटी के हौसले और मेहनत पर उसके माता-पिता को गर्व है।
गरीबी बन रही बाधा
कृष्णा की मां ने बताया कि उनका परिवार बेहद गरीब है। दो वक्त की रोटी के लिए उनके पति को मजदूरी करनी पड़ती है। मां के अनुसार, वे लोग अपने पेट की आग को कम कर अपनी इस दिव्यांग बेटी को पढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर सरकार उनकी बेटी को पढ़ाई में मदद करे तो वह जरूर अफसर बनेगी।