must check that the course is recognized before admission in bihar

बिहार के किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन से पहले चेक कर ले ये बात, वरना पछतायेंगे

बिहार सरकार ने संबद्ध डिग्री कालेजों में बगैर मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों में नामांकन लेने के प्रति छात्रों को सावधान किया है। शिक्षा विभाग ने यह गाइडलाइन यूजीसी के उस निर्देश के आलोक में जारी की है, जिसमें कहा गया है कि बगैर मान्यता प्राप्त डिग्री पाठ्यक्रमों में नामांकन लेने पर संबंधित संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कोई भी ऐसा संस्थान डिग्री कोर्स संचालित नहीं कर सकता है, जो विश्वविद्यालय स्थापना नियमों के तहत स्थापित नहीं है।

शिक्षा विभाग ऐसे संस्थानों पर नजर रख रहा है, जो फर्जी तरीके से डिग्री कोर्स संचालित कर रहे हैं। जिम्मेवार पाये जाने पर ऐसे संस्थानों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यूजीसी ने भी बिना मान्यता वाले डिग्री कोर्स पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश सरकार को दिया है। ऐसे संस्थान उन डिग्री कोर्स को भी संचालित कर रहे हैैं, जो यूजीसी के नियमों के तहत नियम विरुद्ध हैैं।

cautioned students against taking enrollment in unrecognized courses
बगैर मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों में नामांकन लेने के प्रति छात्रों को सावधान

कोई भी ऐसा संस्थान डिग्री कोर्स संचालित नहीं कर सकता है, जो विश्वविद्यालय स्थापना नियमों के तहत स्थापित नहीं है। यूजीसी ने छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी है कि वह उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने से पहले उसकी हकीकत को परखें। साथ ही यह जांचें कि उसने यूजीसी से मान्यता ली है या नहीं। यूजीसी की बेवसाइट पर जाकर भी ऐसे संस्थानों की जानकारी की जांच कर सकते हैं। इसके बाद ही वह दाखिला लें।

छात्रों और अभिभावकों को इनमें दाखिला न लेने की सलाह

राज्य के संबद्धता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले को लेकर आए दिन कई शिकायतें सामने आती रहती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए यूजीसी ने छात्रों और अभिभावकों को फर्जी संस्थानों व बगैर मान्यता प्राप्त डिग्री कोर्सों को लेकर सतर्क किया है।

UGC alerts students and parents about fake institutes and unrecognized degree courses
यूजीसी ने छात्रों और अभिभावकों को फर्जी संस्थानों व बगैर मान्यता प्राप्त डिग्री कोर्सों को लेकर सतर्क किया

शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी के मुताबिक राज्य में ऐसे दर्जनों संबद्ध डिग्री कालेज हैं, जहां पर रिजल्ट आधारित अनुदान हासिल करने के चक्कर में बगैर मान्यता प्राप्त डिग्री कोर्स में नामांकन कराया जाता है।

वोकेशनल कोर्स के बारे में ज्यादा शिकायतें हैं। यही वजह है कि छात्रों से इस स्वयंभू संस्थानों में संचालित बगैर मान्यता वाले पाठ्यक्रमों में कतई दाखिला न लेने की सलाह दी गई है।

कुछ विश्वविद्यालयों में कोताही और कुछ की स्थिति साफ

मधेपुरा स्थित बीएन मंडल विश्वविद्यालय में बिना मान्यता के 10 कोर्स में पठन-पाठन चल रहा है। डिग्री भी मिल रही है। हालांकि, इस पैमाने पर मुंगेर विश्वविद्यालय पाक दामन है। वहां संचालित सभी पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता प्राप्त है। कुछ ऐसी ही स्थिति तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की है।

प्रति कुलपति प्रो. रमेश कुमार बता रहे कि इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत 12 अंगीभूत और कालेज और 11 संबद्ध कालेज हैं। इनमें कोई भी पाठ्यक्रम बिना मान्यता के नहीं पढ़ाया जा रहा है।

Studying is going on in 10 courses without recognition in BN Mandal University
बीएन मंडल विश्वविद्यालय में बिना मान्यता के 10 कोर्स में पठन-पाठन चल रहा है

उधर मुजफ्फरपुर स्थित बीआर बिहार विश्वविद्यालय से संबंधित 11 कालेजों में (सत्र 2020-23) बीए और बीएससी में बिना मान्यता नामांकन लिया गया था। हाई कोर्ट के निर्देश पर इसकी परीक्षा कराने की तैयारी है। सत्र 2019-22 में भी डेढ़ दर्जन कालेजों में इस प्रकार की गड़बड़ी पकड़ी गई थी।

सीनेट – सिंडिकेट से छात्र हित में निर्णय लेकर दूसरे कालेजों से टैग कर परीक्षा ली गई थी। दरभंगा स्थित ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध और अंगीभूत किसी कालेज में बगैर मान्यता कोई पाठ्यक्रम नहीं चल रहा है।

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