काम की खबर: ट्रैन में बिना रिजर्वेशन यात्रा को लेकर रेलवे का नया नियम, परेशानी से बचने के लिए जरूर जाने
पहली बार कोरोना महामारी के सामने आने के बाद जब पूरे भारत में लाकडाउन लगा तो रेलवे ने भी अपनी यात्री सेवाएं पूरी तरह बंद कर दीं थी। उसके बाद स्थिति नियंत्रित होने के साथ धीरे-धीरे रेल सेवाओं को शुरू तो किया गया, लेकिन एक्सप्रेस ट्रेनों में अनारक्षित यानी जनरल टिकट वाले डिब्बों की व्यवस्था खत्म कर दी गई।
उसके बाद से जनरल कोच में यात्रा के लिए आरक्षण यानी रिजर्वेशन कराना जरूरी हो गया। लगभग 2 साल तक ऐसी व्यवस्था चलती रही। यात्रियों की मांग और कोरोना संक्रमण की स्थिति काफी हद तक सामान्य होने पर रेलवे ने पिछले दिनों एलान किया कि अब जनरल कोच में बिना आरक्षण कराए यात्रा संभव हो सकेगी, लेकिन इसमें भी कई पेंच हैं। आईये जानते है।
लंबी दूरी की ट्रेनों में नहीं मिल रहा जनरल टिकट
ट्रेनों में यात्रा के लिए लंबी दूरी की जनरल टिकट अभी नहीं मिल रहा है। अगर स्थिति सामान्य रहती है और रेलवे अपने फैसले पर कायम रहता है, तब भी जनरल टिकट पर यात्रा के लिए रेल यात्रियों को अभी कम से कम जुलाई महीने तक का इंतजार करना पड़ेगा।
इसके बाद भी सभी ट्रेनों के जनरल कोच में बिना रिजर्वेश कराए यात्रा की अनुमति मिल जाएगी, इसकी गारंटी नहीं है। बिना आरक्षण केवल उन्हीं जनरल कोच में यात्रा की अनुमति मिलेगी, जिसमें पहले से कोई रिजर्वेशन नहीं है।
आपको बता दें कि रेलवे ने फिलहाल 120 दिन बाद तक की रिजर्वेशन विंडो खोल रखी है। तमाम एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल कोच में जुलाई तक की सीटें बुक हैं।
कुछ ट्रेनों में बंद तो कुछ में रिजर्वेशन अभी जारी
रेलवे ने जुलाई महीने से ज्यादातर एक्सप्रेस ट्रेनों के जनरल कोच में आरक्षण की व्यवस्था बंद कर दी है, लेकिन कुछ ट्रेनों में जुलाई महीने के लिए भी द्व्तिीय श्रेणी सामान्य यानी जनरल कोच के लिए रिजर्वेशन का विकल्प रेलवे की वेबसाइट पर मिल रहा है।
रेलवे की घोषणा से साफ है कि जब तक किसी कोच में एक भी यात्री का आरक्षण रहेगा, उसमें बिना आरक्षित टिकट के यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी। यह अलग बात है कि होली का मौका नजदीक आते ही बगैर समुचित आरक्षण टिकट के यात्री फाइन देकर स्लीपर से लेकर एसी क्लास तक में बगैर सीट के यात्रा करने लगे हैं।
रेलवे ने साफ किया है कि आरक्षण अवधि खत्म होने के बाद भी उन्हीं ट्रेनों में जनरल टिकट पर यात्रा की अनुमति मिलेगी, जिनमें कोविड से पहले भी ऐसी व्यवस्था थी।