बिहार के इंजीनियर ने बनाया एप, 1 हजार लोगों को मिला रोजगार, 38 जिलों में करेंगे लॉन्च
दिल्ली की मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब छोड़ खगड़िया पहुंचे एक इंजीनियर ने मोबाइल एप बनाकर यहां के कामगारों को जॉब दिलाने की कोशिश की है। फ्रोगवॉक नाम के इस एप से लोग बड़ी आसानी से अपने घर जरूरत के कामगारों को बुला सकते हैं। इसके अलावा इस एप में डॉक्टर, होटल, बैंक्वेट हॉल सहित कई अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की भी जानकारी दी गई है।
जयप्रकाश नगर मोहल्ले के निर्मल देव ने हैदराबाद में इलेक्ट्रॉनिक्स और टेली कम्युनिकेशन में बीटेक किया है। मोबाइल एप के जरिए लोगों को रोजगार दे रहे हैं। फ्रोगवॉक एप से अभी खगड़िया, बेगूसराय और मुंगेर जिले के करीब 1000 कामगार जुड़े हुए हैं। उन्हें जॉब भी मिल रही है।
गरीब कामगारों को लाभ पहुंचाना मुख्य उद्देश्य
![Engineer Nirmal Dev who started with Deputy CM](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Engineer-Nirmal-Dev-who-started-with-Deputy-CM.jpg)
इंजीनियर निर्मल देव ने बताया कि वे लॉकडाउन में जब खगड़िया आए तो उन्होंने यहां के छोटे कामगारों की समस्या देखी। इसके बाद उन्होंने इन छोटे कामगारों के लिए फ्रोगवॉक नाम का एप बनाया। जिसे लोग गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
सारी जानकारी है एप में
निर्मल देव ने बताया कि छोटे कामगार जैसे प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन, कारपेंटर, पेंटर, रिपेयर सर्विस, हलवाई आदि को हमेशा काम नहीं मिलता है। वहीं आम लोगों को भी इन कामों के लिए भटकना पड़ता है।
![Nirmal Dev used to work in a multinational company in Delhi](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Nirmal-Dev-used-to-work-in-a-multinational-company-in-Delhi.jpg)
ऐसे में ये एप लोगों को घर बैठे इन कामगारों की सारी जानकारी देने का एक बढ़िया मध्यम साबित हो रहा है। इस एप में इन लोगों के संपर्क नंबर दिए गए हैं। लोग अब घर पर ही इन कामगारों को बुलाकर अपनी समस्या का समाधान कर ले रहे हैं।
पूरे बिहार में लॉन्च की तैयारी
![The number and address of the workers are also kept in the app](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/The-number-and-address-of-the-workers-are-also-kept-in-the-app.jpg)
फ्रोगवॉक एप के लिए निर्मल देव को राज्य सरकार की तरफ से बिहार चेंज मेकर अवार्ड 2022 भी मिल चुका है। उन्होंने बताया कि इस एप से सिर्फ तीन जिलों में 1000 से ज्यादा कामगार जुड़े हैं। इस सफलता के बाद अब वे अपने इस एप को पूरे बिहार में फैलाना चाहते हैं। इससे लोगों को काफी आसानी होगी।