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बिहार में अब NSG कमांडो चायवाला, ठेले पर लिखी पंचलाइन वायरल, जानिए क्यों बेच रहे चाय

बिहार के गोपालगंज में सड़क पर एक कमांडो चाय बेच रहे है। वहां से गुजरने वालों की निगाहें NSG कमांडो के ठेले पर अपने आप रुक जाती है। ठेले पर जो बैनर लगा है, उस पर लिखा है-कमांडो चाय अड्डा। इसकी चर्चा हर जगह हो रही है। आखिर 75 हजार महीने की सैलेरी पाने वाला NSG कमांडो को चाय का ठेला लगाने की जरूरत क्यों पड़ी? इसकी वजह भी कम हैरान कर देने वाली नहीं है। पढ़िए पूरी खबर…

दरअसल गोपालगंज शहर के मौनिया चौक के पास ठेले पर चाय बेचने वाले कमांडो का नाम मोहित पांडेय है। मोहित मोतिहारी जिले के रक्सौल, रामगढ़वा थाना के सिंहासिनी गांव निवासी है। वह पिछले एक सप्ताह से मौनिया चौक स्थित समाहरणालय के पास मसालेदार चाय की दुकान चला रहे हैं। अपनी चाय वाले ठेले के चारों ओर कमांडो चायवाला अड्डा लिखा हुआ बोर्ड उसकी चाय दुकान की शोभा बढ़ा रही है।

A commando is selling tea on the road in Gopalganj, Bihar.
बिहार के गोपालगंज में सड़क पर एक कमांडो चाय बेच रहे है

2014 में BSF में जॉइन किया

आने जाने वालों की नजरें एक बार जरूर इस ठेले पर लिखे शब्दों पर चली जाती है। मीडिया की टीम जब उनसे से बात की तो कमांडो ने बताया कि 2014 में BSF में जॉइन किया था। बाद में डेप्युटेशन पर NSG कमांडो के रूप में ड्यूटी की। अभी 39 दिनों की छुट्टियां लेकर घर आए हुए हैं।

The name of the commando selling tea on the handcart is Mohit Pandey.
ठेले पर चाय बेचने वाले कमांडो का नाम मोहित पांडेय

देना चाहते है संदेश कि कोई काम छोटा-बड़ा नहीं होता

मोहित ने कहा कि समाज में पॉजिटिव सोच का संदेश देना चाहता हूं। उनका मानना है कि कोई भी काम छोटा बड़ा नहीं होता।किसी भी काम को करने के लिए लाज शर्म को दरकिनार करना होगा तभी वह बेहतर मुकाम पा सकता है। इसके बारे में लोगों को बताने के लिए यह चाय की दुकान खोली है। जब भी छुट्टी से आते तब भी कुछ अलग करते रहते हैं।

NSG commando tea stall
NSG कमांडो का चाय का ठेला

शुरू से ही कुछ अलग करने का सोच

डेप्यूटेशन पर एनएसजी का प्रशिक्षण मई 2021 में किया। 28 नवंबर 2021 को दिल्ली में जॉइन किया। वहीं 7 मई को छुट्टी लेकर आया था और 13 मई तक घर पर रहा। इसके बाद गोपालगंज आ गया। यहीं पर 25 मई को चाय की दुकान लगा दी। मोहित का मानना है कि वह शुरू से ही कुछ अलग करने का सोच रखते थे।

बीएसएफ में थे पिता

मोहित के पिता जितेंद्र पांडेय बीएसएफ में थे। 11 अगस्त 1996 को ड्यूटी के दौरान उनकी डेथ हुई थी। तब मोहित 2 साल 2 माह के थे। परिवार की जिम्मेदारी मोहित की मां के कंधों पर थी। सभी भाई बहन छोटे थे। एक बहन, दो भाई हैं।

बहन बड़ी है, एक भाई छोटा है जो दिव्यांग है। मोहित की शादी 2019 में हुई। फिलहाल पत्नी मां और भाई की जिम्मेदारी मोहित के कंधों पर है। मोहित ने बताया कि 2014 में BSF में अनुकंपा पर हुई थी।

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