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कबाड़ से बना डाला बैट्री से चलने वाला रिक्शा, कभी लोग उड़ाते थे संतोष का मजाक, आज करते है तारीफ

बेरोजगारी का दंश झेल रहे बिहार के संतोष अग्रवाल ने बैट्री संचालित टोटो को देखकर कबाड़ के जुगाड़ से घर पर ही वैसी गाड़ी बना डाली। टूटे-फटे रिक्शे और साइकिल के फ्रेम पर मोटर और बैट्री लगाकर यह गाड़ी बनायी है। जब संतोष अग्रवाल टोटो बनाने के लिए साइकिल व रिक्शे का टूटे-फटे सामान घर ला रहे थे तब आसपास के लोग उनका मजाक उड़ा रहे थे। जब एक सप्ताह में संतोष की मेहनत रंग लायी तो मजाक उड़ाने वाले उसका टोटो को देखकर तारीफ कर रहे हैं।

टोटो बनाने वाले संतोष अग्रवाल ने बताया कि कम पैसा में रोजगार के लिए कई सालों से दिमाग चल रहा थे। उसी दौरान बैट्री संचालित टोटो की एजेंसी गया जिले के इमामगंज में खुल गयी। मैंने जब उसे देखा तो लगा कि अगर इसे रिक्शे के चेचिस पर बैट्री और मोटर लगाकर इस टोटो का चक्का लग जायेगा।

इस पर भारी सामान भी आराम से चार-पांच किलोमीटर तक ढोया जा सकता है। यह सोचकर कबाड़ से एक रिक्शा का चेचिस और एक साइकिल का फ्रेम लाये। उसके बाद उसे एक वेल्डिंग पर ले जाकर टूटे फटे फ्रेम को ठीक कराया।

एक सप्ताह में तैयार कर डाला टोटो

टोटो को देखकर हर सामान का जुगाड़ करते गए। टोटो की तरह धीरे-धीरे सेट करते गए और करीब एक सप्ताह में मेरा माल ढोने वाले टोटो तैयार हो गया। इसे बाजार में लेकर आये तो देखने वालों का तांता लग गया।

इस टोटो से करीब पांच क्विंटल तक का सामान ढोने के लिए पाइप का डल्ला बनाकर सेट किया गया है। इससे आराम से सामान की ढुलाई हो रही है। डल्ला अभी खुला है। उसमें चारो तरफ से स्टील का चदरा लगा देंगे तो यह और सुंदर हो जाएगा।

इससे छोटे सामान भी लाने ले जाने में नहीं गिरेगा। एजेंसी से टोटो खरीदने में करीब डेढ़ से दो लाख रुपये लगता है। वह इतना मजबूत नहीं रहता। इसे मैंने कबाड़ से सामान लाकर 70 से 80 हजार रुपये में तैयार किया है। इससे अच्छी कमाई भी हो रही है।

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