बिहार के मुंगेर में 250 करोड़ की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम शुरू, जल्द होगा तैयार
बिहार के मुंगेर जिले में विकास परियोजनाओं को लगातार गति देने की कोशिश जारी है। अब इस ऐतिहासिक शहर में नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जाएगा, ताकि गंगा नदी में गंदा पानी न गिर सके। नमामि गंगे परियोजना के तहत देशभर में गंगा नदी के किनारों पर बसे शहरों में नालों के पानी की सफाई के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जा रहे हैं, ताकि जीवनदायनी नदी को साफ और स्वच्छ रखा जा सके।
इसी योजना के तहत मुंगेर में अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस प्लांट के निर्माण पर ₹250 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। प्लांट निर्माण के लिए फंड जारी भी कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, मुंगेर में पहला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट 250 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है। राशि आवंटित भी कर दी गई है।
![Construction of sewage treatment plant in Munger](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/05/Construction-of-sewage-treatment-plant-in-Munger.png)
2023 तक बनने का लक्ष्य
इस प्लांट को वर्ष 2023 तक बनने का लक्ष्य रखा गया है। बुडको की ओर से निकाले गए टेंडर में ईएमएस इंफ्राकॉन ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का ठेका हासिल किया है। कंपनी ने प्लांट का निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया है।
इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के बनने से न केवल गंगा का कायाकल्प होगा, बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए भी पानी मिल सकेगा और उन्हें केवल वर्षा जल पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
![EMS Infracon bags contract for sewage treatment plant](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/05/EMS-Infracon-bags-contract-for-sewage-treatment-plant.png)
मुंगेर नगर निगम के क्षेत्रों से निकलने वाले वेस्टेज वाटर सीधे गंगा नदी में जाकर न गिरे, इसके लिए मुकम्मल व्यवस्था की जा रही है। नमामि गंगे के तहत केन्द्र की सहायता से सीवेज प्लांट का निर्माण कार्य मुंगेर के चौखंडी में शुरू हो गया है। इस योजना के जरिए हो रही पानी की बर्बादी को रोका जा सकेगा।
परियोजना पर 250 करोड़ रुपये का खर्च
उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के अनुसार, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट नवीनतम एसबीआर तकनीक से बन रहा है। यहां गंदे जल का शोधन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार हो सकेगा। एसबीआर (सिक्वेंशियल बैच रिएक्टर) पर आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तकनीकी रूप से उन्नत है।
![Rs 250 crore spent on sewage treatment plant project](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/05/Rs-250-crore-spent-on-sewage-treatment-plant-project.jpg)
इस परियोजना पर 250 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह शहर का पहला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट होगा। इसकी क्षमता लगभग 30 एमएलडी होगी और पहले फेज में 167 किलोमीटर और दूसरे फेज में अतरिक्त 120 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाकर पूरे शहर के वेस्टेज वाटर को ट्रीट कर उस पानी को सिंचाई के काम लाया जाएगा।
सिंचाई में होगा इस्तेमाल
अधीक्षण अभियंता कमल किशोर ने बताया की वर्ष 2023 तक इस प्लांट को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। अपशिष्ट पानी या शौचालय के पानी का शोधन कर इसके जरिए दूषित पदार्थ की हटाने की प्रक्रिया की जाएगी।
![Target to set up sewage treatment plant by 2023](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/05/Target-to-set-up-sewage-treatment-plant-by-2023.jpg)
इस प्रक्रिया से घर के गंदे पानी को रीसाइकल कर सिंचाई आदि के कामों में लाया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य शहर के गंदे पानी को शुद्ध कर पुनः उसका उपयोग सिंचाई के लिया किया जाना है।