simran shekhar of bihar become all india topper in icar aieea 2022 exam

भारतीय कृषि अनुसंधान प्रवेश परीक्षा में बिहार का दबदबा, सिमरन बनी टॉपर, पढ़े कहानी

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद यूजी प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के द्वारा ली गई इस परीक्षा में 61051 बच्चे उत्तीर्ण हुए हैं। वहीं इस परीक्षा में बिहार की बेटी ने परचम लहराया है। बिहार के दरभंगा जिले की बेटी सिमरन शेखर को अपने पहले ही प्रयास में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त करने में सफलता मिल गई।

रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद सिमरन और उनके परिवार को बधाई देने का सिलसिला लगातार जारी है। जिले के तारडीह प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पोखर भिंडा की रहने वाली सिमरन पढ़ाई-लिखाई में शुरू से तेज थी। इसकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा जीसस एंड मैरी एकेडमी दरभंगा से हुई है और हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पटना से पूरी हुई।

परिवार में भी शिक्षा का माहौल

सिमरन की पारिवारीक पृष्टभूमि राजनीतिक रही है। इनके पिता दिनकर प्रसाद उर्फ पिंटू सिंह तारडीह प्रखंड के जदयू के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं और मां मीना कुमारी पूर्व जिला परिषद सदस्य रह चुकी हैं। सिमरन के माता-पिता ने न्यूज18 लोकल को बताया कि वह बचपन से पढ़ाई-लिखाई में अच्छी थी। उसने कोरोना काल में भी पढ़ाई नहीं रोकी।

In the Indian Agricultural Research Entrance Examination, Simran Shekhar of Darbhanga district was successful in getting the first position in the country in her very first attempt
भारतीय कृषि अनुसंधान प्रवेश परीक्षा में दरभंगा जिले की सिमरन शेखर को अपने पहले ही प्रयास में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त करने में सफलता

ऑन लाइन क्लासेस करती रही। सिमरन कभी भी अपनी पढ़ाई को लेकर समझोता करने को तैयार नहीं थी। हमेशा पढ़ाई को प्राथमिता दी। इसी का नतीजा है कि आज वो भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की प्रवेश परीक्षा में टॉप की है। वहीं, परिवार में भी शिक्षा का माहौल है। घर में शुरू से पढ़ाई-लिखाई के लिए प्ररित किया जाता रहा है।

‘इंसान ठान ले तो कुछ भी मुश्किल नहीं’

सिमरन शेखर ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता सहित परिवार के अन्य सदस्यों और गुरुजनों को दिया है। उसने कहा कि परिवार और टीचर ने पढ़ाई में काफी मदद की है। इनके सहयोग के बिना यह मुकाम हासिल कर पाना मुमकिन नहीं था। वहीं, सिमरन ने सफलता के मूलमंत्र के बारे में बताया कि यदि इंसान ठान ले तो कुछ भी मुश्किल नहीं है।

आदमी की इच्छाशक्ति के सामने कोई भी कठिनाई टिक नहीं सकती है। चुनौती सभी क्षेत्र में है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए चुनौतियों का सामना करना ही पड़ता है।

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