बिहार के इस सरकारी स्कूल में स्मार्ट तरीके से हो रही पढाई, कभी गोलियों की आवाज से दहल जाता था इलाका
बिहार के पश्चिम चंपारण में कभी गोलियों की आवाज से पूरा इलाका दहल जाता था। आज उसी इलाके में शिक्षक शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लास के जरिए बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है। गंडक नदी की दो धाराओं के बीच दियारा इलाके में बसे ग्रामीण बच्चों को भी हाईटेक तरीके से शिक्षित किया जा रहा है।
बगहा शहर से दूर दो नदियों के बीच टापुनुमा दुर्गम दियारा में बसे गांवों में भी बच्चे अब स्मार्ट बनने के लिए आधुनिक शिक्षा की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे हैं। ऐसी ही एक बेहद खूबसूरत तस्वीर गंडक दियारा पार के पिपरासी प्रखंड अंतर्गत बलुआ ठोरी से सामने आई है।
![smart class in government school in west champaran](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/smart-class-in-government-school-in-west-champaran.png)
उन्नयन बिहार के तहत स्मार्ट क्लास से पढ़ाई
विद्यालय के प्रधानाचार्य मो इस्माइल बताते हैं कि बलुआ ठोरी पंचायत में वर्तमान समय में 4 सरकारी विद्यालय हैं। इनमें से एक को हाल ही में 10+2 का दर्जा मिला है। यहां उन्नयन बिहार के तहत स्मार्ट क्लास से पढ़ाई होती है।
![Studying through smart class under Unnayan Bihar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Studying-through-smart-class-under-Unnayan-Bihar.png)
शिक्षक नाव के जरिए नदी पार कर के रोज गांव में पहुंचते हैं और बच्चों को पढ़ाते हैं। बलुआ ठोरी पंचायत के पूर्व मुखिया बनारसी यादव के मुताबिक, दशकों पूर्व विद्यालय के पास ही गोलियां चलने लगती थीं।
![Teachers come to school every day by crossing the boat](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Teachers-come-to-school-every-day-by-crossing-the-boat.png)
इस भय से शिक्षक नहीं आते थे। लेकिन आज के समय में नाव से पार कर शिक्षक प्रतिदिन स्कूल आते हैं। अब यहां इंटर तक की पढ़ाई होने लगी है।
पढ़ेगा बिहार तो बढ़ेगा बिहार
![Padhega Bihar Badhega Bihar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Padhega-Bihar-Badhega-Bihar.jpg)
ग्रामीणों का कहना है, कि अब क्राइम खत्म होने से उनके बच्चों पर सकारात्मक असर पड़ा है। बच्चे अब स्कूलों में पढ़ने जाते हैं और डिजिटल तरीके से शिक्षित हो रहे हैं। गंडक की गोद में बसे दियारा के इस इलाके की बदली तस्वीर निश्चित तौर पर सुखद है।
जरूरत है ऐसे ही शिक्षा की मुहिम को गांव-गांव तक पहुंचाकर ज्ञान की ज्योति जलाने की ताकि ‘पढ़ेगा बिहार तो बढ़ेगा बिहार‘ का नारा सार्थक हो सके।