”आप SOS जनहित मेडिकल से 10 रुपए की दवा भी खरीदेंगे तो हम उस पर भी आपको डिस्काउंट देंगे क्योंकि सिर्फ मुनाफा कमाना हमारा मकसद नहीं, महंगी दवाइयों के बिल से परेशान लोगों को राहत पहुंचाना भी है।” इस विज़न के साथ अपने काम की शुरुआत करने वाले युवा उद्यमी विकास पाटीदार से मुखातिब होते हैं।
”विकास जी का कहना है कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि औसत से भी निचले दर्जे का छात्र होने के बावजूद कुछ अलग कर जायेंगे, वे तो अपने चेचरे भाईयों की देखा-देखी कभी पीएमटी की तैयारी कर रहे थे तो कभी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई, क्योंकि उनका खुद का कोई विजन नहीं था कि करना क्या है।”
तो कुछ इस तरह विकास पाटीदार की स्टूडेंट लाइफ कंफ्यूजन के बीच बीती लेकिन आज वे मध्यप्रदेश सहित राजस्थान और महाराष्ट्र में अपने SOS जनहित मेडिकल के माध्यम से ऐसा मॉडल खड़ा कर चुके हैं।
जिसकी बदौलत सैकड़ों स्टाफ मेंबर के साथ 50 मेडिकल स्टोर्स के जरिए 70 फीसदी तक के डिस्काउंट पर दवाइयां उपलब्ध करा पा रहे हैं और इस साल के अंत देशभर में 100 मेडिकल स्टोर और 100 करोड़ के टर्नओवर का लक्ष्य साध रहे हैं।
अपनी टीम का हर सुख-दुख में साथ
सुंदर व्यक्तित्व के धनी विकास का अपनी टीम के साथ भी जबरदस्त जुड़ाव देखते बनता है क्योंकि जब यह इंटरव्यू देते हैं तो अकेले खड़े होकर नहीं बल्कि आसपास इनके मेडिकल के कर्मचारी भी मुस्काराते हुए अपने बॉस की बात को ध्यान से सुनते हुए देखे जा सकते हैं।
उनका यह लहजा बताता है कि यह साथी उनके साथ लंबे समय तक जुड़े रहने वाले हैं और वे कई विडियोज में यह बात दोहराते भी सुने जा सकते हैं। वे अपनी टीम का परिवार की तरह हर सुख-दुख में साथ निभाते हैं। परफॉर्मेंस के आधार पर कई बार सरप्राइज इंसेंटिव देकर टीम को मोटिवेट करते हैं।
दूरदर्शी नज़र…
विकास जी कहते हैं कि “हमारे साथ काम करने वाले यह जरूर सोचें कि यह कंपनी ग्रो करने वाली है और लंबे समय तक हमारे साथ एसोसिएशन बनाए रखना उनके करियर के लिए भी फायदेमंद होगा।
हम रूरल एरिया में अपना विस्तार करेंगे ताकि गांवों में रहने वालों को उन्हीं की जगह पर कम दाम में दवाइयां मिल सकें। इसके अलावा हम उन्हें सही इलाज मिल सके ऐसी जगहों व अस्पतालों के बारे में भी जानकारी देंगे। मेरा लक्ष्य SOS जनहित मेडिकल को पूरे देश में लेकर जाने का है।“