रसगुल्ले के कारण 30 घंटे तक रुकी रही ट्रेनें, बिहार से UP और झारखण्ड तक इसकी डिमांड, जानिए पूरा मामला
बिहार के लखीसराय के बड़हिया में 7 ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर ग्रामीणों ने 30 घंटे से ज्यादा समय का आंदोलन किया। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ट्रैक पर तंबू लगाकर बैठ गए। इसके कारण हावड़ा-दिल्ली रेल लाइन की एक दर्जन ट्रेनों को 24 घंटे के लिए रद्द करना पड़ा। लगभग इतनी ही ट्रेनों का रूट डायवर्ट करना पड़ा।
मीडिया ने जब इस आंदोलन की पड़ताल की तो सामने आया कि रसगुल्ला का व्यापार प्रभावित होने के कारण यहां के स्थानीय लोगों में नाराजगी थी। इसी कारण वे हर हाल में यहां से गुजरने वाली सभी ट्रेनों का ठहराव चाहते थे।
पूरे बिहार में फेमस बड़हिया का रसगुल्ला
दरअसल बड़हिया का रसगुल्ला पूरे बिहार में फेमस है। आज भी यहां हर जगह से सस्ता और बढ़िया रसगुल्ला मिलता है। लगन के दिनों में बिहार के सभी जिलों में यहां से रसगुल्ला जाता है। इतना ही नहीं पड़ोसी राज्य झारखंड और UP के लोग भी यहां के रसगुल्ले और कारीगरों को ले जाते हैं।
यहां रसगुल्ला के व्यापार की महत्ता इसी बात से समझ सकते हैं यहां अभी भी 250 दुकानें संचालित होती हैं। ऐसे में यहां ट्रेनों का ठहराव बंद हो जाने के कारण यहां के लोगों को काफी परेशानी हो रही थी और इसका सीधा असर उनके व्यापार पर पड़ रहा था।
कुछ ऐसा है इसके पीछे का गणित
ट्रेन से बड़हिया से पटना आने में कुल 55 रुपए किराया लगता है। इतने में वे अपने साथ सामान भी ले जा सकते हैं। ट्रेन से वे 2 घंटे से भी कम समय में पटना पहुंच सकते हैं, लेकिन अगर वे बाय रोड पटना से बड़हिया आते हैं तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट में उन्हें 150 रुपए और समान का अलग से खर्च करना होगा। समय भी 4 घंटे लगेंगे। अगर वो गाड़ी बुक कर के आते हैं तो उन्हें 4-5 हजार रुपए खर्च करने होंगे।
एक लाख से ज्यादा लोग आते हैं माता के दरबार में
इसके अलावा यहां के प्रसिद्ध देवी मां मंदिर में भी श्रद्धालुओं को आने में परेशानी हो रही, इसका असर व्यापार पर पड़ रहा। ग्रामीणों के मुताबिक हर शनिवार और मंगलवार को यहां 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसके सहारे यहां एक स्थानीय बाजार संचालित हो रहा है। ट्रेनों का ठहराव समाप्त होने के कारण वो बाजार भी प्रभावित हो रहा है।
स्टूडेंट्स को करना पड़ रहा संघर्ष
वहीं स्टूडेंट्स की अपनी शिकायत है। उन्होंने बताया कि रोज लगभग 100-150 स्टूडेंट्स बड़हिया से पटना के अलग-अलग जगहों पर क्लास करने जाते हैं। मध्यम वर्गीय परिवार का होने के कारण वे पटना में कमरा लेकर नहीं रह सकते। ऐसे में वे रोज आते-जाते हैं। ट्रेनों का ठहराव समाप्त हो जाने के कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है।
यात्री की समस्या पर राजनीति भारी
ग्रामीणों की एक नाराजगी इस बात से भी है कि ट्रेनों के ठहराव को लेकर राजनीति हो रही है। यहां के स्थानीय सांसद और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह नहीं चाहते हैं कि बड़हिया में ट्रेनों का ठहराव हो, जबकि उनकी पहुंच के कारण ही गंगासराय हॉल्ट पर ट्रेनें रुकती हैं। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह का घर बड़हिया है इसके बाद भी वे कुछ नहीं कर पा रहे हैं।